भारत व अमेरिका की नजदीकियों से बौखलाया है चीन : ब्रिगेडियर कपिल देव
ष्टद्धद्बठ्ठड्ड द्बह्य ढ्डह्वश्र4द्गस्त्र ढ्ड4 ह्लद्धद्ग श्चह्मश्र3द्बद्वद्बह्ल4 श्रद्घ ढ्ढठ्ठस्त्रद्बड्ड ड्डठ्ठस्त्र न्द्वद्गह्मद्बष्ड्ड क्चह्मद्बद्द यड्डश्चद्बद्य ष्ठद्ग1
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका सेक्टर-3 स्थित दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज की ओर से शुक्रवार को भारत-चीन सीमा विवाद व अमेरिका और रूस की भूमिका विषय पर गूगल मीट पर वेबिनार का आयोजन किया गया है। वेबिनार में कॉलेज की गर्वनिग बॉडी के सदस्य ब्रिगेडियर कपिल देव मल्होत्रा ने अपने विचारों को रखा। इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमचंद जैन भी मौजूद रहे। करीब 150 विद्यार्थियों व प्रोफेसर ने इसमें भाग लिया।
ब्रिगेडियर कपिल ने भारत और चीन के बीच संबंध का क्या इतिहास रहा है, उस पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही सीमा पर इस समय क्या परिस्थिति है, उससे भी सबको अवगत किया। उन्होंने बताया कि बीते कुछ सालों में सीमा के आसपास हुए विकास कार्यो का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पहले सैनिक नहीं पहुंच पाते थे, वहां अब हमारे टैंक तैनात हैं। इसके अलावा भविष्य में यदि चीन के साथ भारत का युद्ध होता है तो रूस और अमेरिका से भारत को क्या-क्या मदद प्राप्त हो सकती है, इस विषय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। चीन की मौजूदा स्थिति क्या है और भारत किन-किन मायनों में चीन से मजबूत है इस पर भी उन्होंने खुलकर बताया। दरअसल अभी भारत व अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकियों के कारण चीन बौखलाया हुआ है। साथ ही सीमा के आसपास सरकार की ओर से तेजी से किए जा रहे विकास कार्यो को लेकर भी चीन काफी तनाव में है। 1962 में भारत-चीन विवाद के समय भले ही भारत की हार हुई थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया था। जून माह में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई भिड़ंत में भी भारतीय सैनिकों ने बिना हथियार के चीन के कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
वहीं डॉ. हेमचंद ने कहा कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री की ओर से किए गए लेह के दौरे ने सिपाहियों के हौसले को काफी बुलंद किया है। बीते छह सालों में सीमा के आसपास हुए विकास कार्यो, हथियार, सैनिकों के लिए सुविधाओं व सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध ने कई मायनों में भारत की स्थिति को मजबूत किया है।