अपहरण के 15 मिनट बाद ही मफलर से गला दबाकर कर दी थी हत्या
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली बीते सात जनवरी को आरोपी अवधेश ने आशीष को साइकिल दिलाने के
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली
बीते सात जनवरी को आरोपी अवधेश ने आशीष को साइकिल दिलाने के बहाने शाम को साढ़े पांच बजे अपने कमरे पर बुलाया था। लेकिन वह दस मिनट पहले ही वहां पहुंच गया था। आशीष के वहां पहुंचते ही आरोपी ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और कुछ देर तक उससे उसके माता-पिता के बारे में बातें करता रहा। आशीष ने जब बताया कि उसके माता-पिता उसे उसके पास आने से रोकते हैं और उसके बारे में भला बुरा कहते हैं। इतना सुनते ही उसने अपने मफलर से उसकी गर्दन दबा दी थी। पूरे घटना क्रम को अंजाम देने में उसे 15 मिनट भी नहीं लगा था। इसके बाद उसने शव को अच्छी तरह से पैक कर ब्रीफकेस में बंद कर बिस्तर के नीचे छिपा दिया था। मासूम के शव को सवा माह तक ब्रीफकेस में छिपाये रखने के कारण पोस्टमार्टम के दौरान जब शव निकाला गया तो वह पूरी तरह सड़ गल चुका था। उसके अंदर कीड़े पैदा हो गए थे और वारदात में इस्तेमाल मफलर भी बच्चे के गले में लिपटा हुआ मिला था।
परिजनों के अनुसार आशीष उस दिन शाम को सवा पांच बजे के आसपास अपने चचेरे दादा के घर से निकला था, लेकिन जब एक घंटे बाद भी अपने घर नहीं पहुंचा तो उसकी मां ने खोजबीन शुरू कर दी थी। ऐसे में आरोपी अवधेश शाम को सात बजे उनके घर भी पहुंचा और आशीष को खोजने का नाटक करने लगा था। उसने परिजनों को बताया था कि कुछ देर पहले ही गली के नुक्कड़ पर एक स्विफ्ट कार देखी थी, जिसमें एक बच्चे को बैठे हुए देखा था।