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केंद्र व राज्य सरकारों को करना पड़ेगा अपना काम : हाई कोर्ट

कोरोना महामारी के बीच पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग को लेकर दाखिल आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:16 PM (IST)
केंद्र व राज्य सरकारों को करना पड़ेगा अपना काम : हाई कोर्ट
केंद्र व राज्य सरकारों को करना पड़ेगा अपना काम : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

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कोरोना महामारी के बीच पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग को लेकर दाखिल आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभा रहा है और अब केंद्र व राज्य सरकारों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। मुख्य पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को ही पूर्व न्यायमूर्ति एमबी लोकुर की अध्यक्षता में राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी के लिए कमेटी गठित कर दी थी। याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए पीठ ने कहा कि ऐसे में जब मामला शीर्ष अदालत में है तो विरोधाभाषी फैसले जारी होने के खतरे को देखते हुए हाई कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं करेगा।

हालांकि, मुख्य पीठ ने याचिकाकर्ता व अधिवक्ता सुधीर कुमार मिश्रा को इस बात की आजादी दी कि कोई समस्या या जरूरत होने पर वे अदालत का रुख कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि बृहस्पतिवार को सुबह सूरज नहीं दिखाई दे रहा था और राजधानी में प्रदूषित हवा के लिहाज से यह आपात स्थिति है। उन्होंने इस दौरान एक प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को इससे और परेशानी हो रही है। पीठ ने इस पर कहा कि प्रदूषित हवा और पराली जलाने के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी जिम्मेदारी निभानी ही पड़ेगी। पीठ ने इस दौरान नेशनल कैडेट कोर, नेशनल सर्विस स्कीम और भारत स्काउट एंड गाइड को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने के मामले की निगरानी के लिए लगाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी), यातायात विभाग, परिवहन विभाग, नगर निगमों समेत सभी एजेंसियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।

याचिकाकर्ता व अधिवक्ता सुधीर मिश्रा ने प्रदूषण से जुड़ी वर्ष 2015 की मुख्य याचिका पर आवेदन दाखिल किया था। उन्होंने कहा था कि तीनों राज्यों को निर्देश दिया जाए कि विशेषज्ञों की टीम भेजकर इस पर अंकुश लगाने की दिशा में तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने दलील दी कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पराली जलाने से मरीजों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। आवेदन के अनुसार दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर तेजी से काम करना होगा।


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