नजफगढ़ रोड पर उपेक्षा की मार झेल रहे हैं सेंट्रल वर्ज
नजफगढ़ रोड पर सेंट्रल वर्ज उपेक्षा की मार झेल रहा है। यहां हरियाली के नाम पर एक पेड़ या पौधा भी नहीं है। सेंट्रल वर्ज पर सिवाए गंदगी के और कुछ नजर नहीं आता है। टाइलें सारी उखड़ी पड़ी है। उबड़-खाबड़ इस सेंट्रल वर्ज पर चलना यानि दुर्घटना को दावत देने जैसा है। पर लोगों की मजबूरी है कि फुटपाथ अतिक्रमण से त्रस्त है ऐसे में वे सेंट्रल वर्ज पर चलते है। सेंट्रल वर्ज पर बिजली के तार बेतरतीब ढंग से फैले हुए है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : नजफगढ़ रोड पर सेंट्रल वर्ज उपेक्षा की मार झेल रहा है। यहां हरियाली के नाम पर एक पेड़ या पौधा भी नहीं है। सेंट्रल वर्ज पर सिवाय गंदगी के और कुछ नजर नहीं आता है। टाइलें सारी उखड़ी पड़ी हैं। उबड़-खाबड़ इस सेंट्रल वर्ज पर चलना यानि दुर्घटना को दावत देने जैसा है। पर लोगों की मजबूरी है कि फुटपाथ अतिक्रमण से त्रस्त है, ऐसे में वे सेंट्रल वर्ज पर चलते है। सेंट्रल वर्ज पर बिजली के तार बेतरतीब ढंग से फैले हुए है। सेंट्रल वर्ज की यह स्थिति बीते काफी सालों से कायम है। सफाई व्यवस्था यहां पूरी तरह चौपट पड़ी है। एक तरफ निगम स्वच्छता अभियान की बात करती है, दूसरी तरफ इस तरह की लापरवाही की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। गांव को शहर से जोड़ने वाले नजफगढ़ रोड पर सिवाए धूल के कुछ नजर नहीं आता है। हवा के साथ ये धूल के कण वाहन चालकों व राहगीरों को काफी परेशान करते है। कई बार शिकायत करने के बाद भी इसकी हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि पीडब्ल्यूडी विभाग ने सेंट्रल वर्ज को विकसित करने की दिशा में कई बार प्रयास किया है, लेकिन हर बार उसे अधर में लटका हुआ ही छोड़ दिया गया। बीच में पीडब्ल्यूडी विभाग ने निर्णय लिया था कि वह पूरे सेंट्रल वर्ज पर टाइल बिछाइएगी और बीच-बीच में पौधे लगाए जाएंगे। पर उसे भी पूरा नहीं किया गया। टाइल बिछाने का काम भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। आलम यह है कि सेंट्रल वर्ज पर हरियाली नहीं होने के कारण वाहनों चालकों को काफी परेशानी होती है। सड़क सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कुछ माह पहले ही सेंट्रल वर्ज के दोनों तरफ लोहे के जाल लगाए गए थे, लेकिन वे फिर गायब होने लगे हैं। अधिकारियों का कहना है कि असामाजिक तत्व लोहे को उखाड़कर ले जाते हैं।