केंद्र ने HC में कहा, 'दिल्ली के तीनों नगर निगम AAP सरकार के अधीन'
केंद्र ने कहा कि तीनों नगर निगम राष्ट्रीय इमारत संहिता व आपदा से निपटने के लिए योजना दिल्ली सरकार के अंतर्गत रहते हुए बनाएंगे। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते दिल्ली सरकार का मतलब उपराज्यपाल व दिल्ली का मंत्री मंडल है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि राजधानी के तीनों नगर निगम दिल्ली सरकार के अधीन काम करते हैं। राजधानी में बढ़ते अवैध निर्माण व भूकंप के खतरे से निपटने के संबंध में दायर एक जनहित याचिका के जवाब में केन्द्र सरकार ने उक्त जानकारी दी।
केंद्र ने कहा कि तीनों नगर निगम राष्ट्रीय इमारत संहिता व आपदा से निपटने के लिए योजना दिल्ली सरकार के अंतर्गत रहते हुए बनाएंगे। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते दिल्ली सरकार का मतलब उपराज्यपाल व दिल्ली का मंत्री मंडल है।
न्यायमूर्ति बदर र्दुेज अहमद व संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने का कहा था कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर किसका प्रशासनिक अधिकार है। इसके जवाब में केंद्र सरकार की तरफ ये यह जानकारी दी गई।
गौरतलब है कि अर्पित भार्गव ने एक जनहित याचिका लगाते हुए पूछा था कि अगर राजधानी में नेपाल की तर्ज पर भूकंप आता है तो क्या वह उसे ङोलने के लिए तैयार है। याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि यह मसला नगर निगम अधिनियम के बिल्डिंग रेगुलेशन चैप्टर के अंतर्गत आता है।
निगम के आयुक्तों की यह जिम्मेदारी है कि वे दिल्ली सरकार की देखरेख में उक्त नियमों की पालना करें। दिल्ली सरकार के पास अधिकार है कि वह इस संदर्भ में कार्य योजना बनाए।
उधर, दिल्ली सरकारी की तरफ से पहले ही कहा गया था कि तीनों नगर निगम उनके अंतर्गत काम नहीं करते हैं। अगर अदालत उन्हें नियमों की जिम्मेदारी देती है तो वह उसे लेने के लिए तैयार हैं।
अदालत ने इससे पहले कहा था कि दिल्ली भूकंप के सिस्मिक जोन-चार में आता है, जो काफी संवेदनशील है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार को कहा गया था कि कार्य योजना बनाई जाए ताकि दिल्ली भूकंप आने की स्थित में बनने वाले हालत से निपट सके।