एक माह में फ्लैट दें या ब्याज के साथ वापस करें 69.50 लाख
फ्लैट खरीददार और बिल्डर के बीच हुए अनुबंध में तय समय के बाद भी लंबा वक्त गुजर जाने के बाद कब्जा न मिलने के कारण मामला उपभोक्ता आयोग तक पहुंचा। आयोग ने उपभोक्ता के हक में फैसला सुनाया और बिल्डर को आदेश दिया कि एक माह में फ्लैट का कब्जा दिया जाए या फिर उपभोक्ता के साढ़े 69 लाख रुपये सात फीसद ब्याज के साथ वापस किए जाएं। इसके अलावा केस खर्च के तौर पर 75 हजार रुपये भी उपभोक्ता को दिए जाएं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
फ्लैट खरीददार और बिल्डर के बीच हुए अनुबंध में तय समय के बाद भी लंबा वक्त गुजर जाने के बाद कब्जा न मिलने के कारण मामला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग तक पहुंचा। आयोग ने उपभोक्ता के हक में फैसला सुनाया और बिल्डर को आदेश दिया कि एक माह में फ्लैट का कब्जा दिया जाए या फिर उपभोक्ता के साढ़े 69 लाख रुपये सात फीसद ब्याज के साथ वापस किए जाएं। इसके अलावा केस खर्च के तौर पर 75 हजार रुपये भी उपभोक्ता को दिए जाएं।
उपभोक्ता आयोग में दायर केस के मुताबिक देहरादून निवासी अरविद कुमार ने दिल्ली की एक कंपनी जीएसएस प्रोकोन प्राइवेट लिमिटेड से एक फ्लैट खरीदने का अनुबंध जनवरी 2012 में किया था। हाउसिग प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर-143 में विक्ट्री क्रॉस रोड के नाम से बनाया जा रहा था। अनुबंध के मुताबिक फ्लैट का कब्जा 36 माह में दिया जाना था। फ्लैट की कुल कीमत 73 लाख 22 हजार रुपये थी, जिसमें से अरविद कुमार ने अगस्त 2013 तक साढ़े 69 लाख रुपये अदा कर दिए थे। तय समय गुजरने के बावजूद उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि हाउसिग प्रोजेक्ट को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट ही नहीं मिला। उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को नोटिस जारी किया तो उस पर भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया। लिहाजा आयोग ने इस तरह के मामलों में पूर्व में दिए आदेशों का हवाला देते हुए उपभोक्ता के हक में फैसला दिया।