केबल ऑपरेटरों की मनमानी उपभोक्ताओं पर पड़ रही भारी
यमुनापार में केबल ऑपरेटरों की मनमानी उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही है। सेटअप बॉक्स की कंपनी एक ही होने के बाद भी अलग-अलग इलाकों में उपभोक्ताओं से केबल की अलग-अलग कीमतें वसूली जा रही है। सेटअप बॉक्स कंपनी और ऑपरेटरों की बीच की उठापटक में उपभोक्ता गेहूं में घुन की तरह से पीस रहे हैं। अगर केबल ऑपरेटरों को सेटअप बॉक्स कंपनी से मुनाफा होते नहीं दिख रहा तो वह दूसरी कंपनी बदलने में समय नहीं लगा रहे, इसमें भी वह उपभोक्ताओं की जेब पर हाथ साफ करने में जरा भी कमी नहीं छोड़ रहे। उनकी मनमानी को रोकने के लिए कोई तैयार ही नहीं है।
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली : यमुनापार में केबल ऑपरेटरों की मनमानी उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही है। सेट टॉप बॉक्स की एक ही कंपनी होने के बावजूद अलग-अलग इलाकों में उपभोक्ताओं से केबल का अलग-अलग रेट वसूला जा रहा है। सेट टॉप बॉक्स कंपनी और ऑपरेटरों के बीच की उठापटक में उपभोक्ता पिस रहे हैं। अगर केबल ऑपरेटरों को सेट टॉप बॉक्स कंपनी से मुनाफा होते नहीं दिख रहा तो वह कंपनी बदलने में समय नहीं लगा रहे। इसमें भी वह उपभोक्ताओं की जेब पर हाथ साफ करने का मौका नहीं छोड़ रहे। उनकी मनमानी को रोकने के लिए कोई तैयार नहीं है।
ब्रह्मपुरी में रहने वाले शेख नौशाद ने बताया कि उनके घर में हैथवे कंपनी का सेट टॉप बॉक्स लगा हुआ था, जून 2018 में उनके इलाका का केबल ऑपरेटर आया और उसने कहा कि सभी के सेट टॉप बॉक्स टाइगर कंपनी के लगाए जाने हैं। इसके लिए उन्हें भी दो सौ रुपये देने होंगे। जब उन्होंने ऑपरेटर से पूछा कि उनके घर में पहले से सेट टॉप बॉक्स लगा है और वह खुद इसे नहीं बदल रहे तो किस बात के लिए पैसे दें। इस पर ऑपरेटर ने कहा कि बॉक्स नहीं बदलवाया तो केबल नहीं आएगा। उन्होंने बॉक्स बदलवाने से इन्कार कर दिया, पांच महीने बाद जब उन्होंने ऑपरेटर से टाइगर कंपनी का सेट टॉप बॉक्स लगवाया तो आठ सौ रुपये देने पड़े। इस पर ऑपरेटर ने तर्क दिया दो सौ रुपये वाली स्कीम खत्म हो गई है। यह हाल सिर्फ एक ही इलाके का नहीं है, बल्कि पूरे यमुनापार में यह खेल चल रहा है। उपभोक्ताओं के सामने समस्या यह है कि कोई भी ऑपरेटर दूसरे के इलाके में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता, क्योंकि ऑपरेटरों ने इलाके बांटे हुए हैं। ऐसी स्थिति में न चाहते हुए भी उपभोक्ताओं को अपने ऑपरेटर की मनमानी स्वीकार करनी पड़ती है। एक ऑपरेटर ने बताया कि जनवरी 2019 से यह मनमानी रूक जाएगी, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने डीटीएच के लिए नए नियम बनाए हैं। ऑपरेटर को 100 फ्री टू एयर चैनल 130 रुपये में हर महीने दिखाने होंगे। अगर उपभोक्ता इन चैनलों के अलावा कोई दूसरा चैनल देखना चाहेंगे तो इके लिए अलग से भुगतान करना होगा। हर उपभोक्ता को इलेक्ट्रॉनिक यूजर गाइड के तहत हर चैनल की रेट लिस्ट दी जाएगी। केबल ऑपरेटर थोड़े समय के बाद ही सेट टॉप बॉक्स बदल देते हैं और हर बार उन्हें बॉक्स के पैसे देने पड़ते हैं। उपभोक्ता की मंजूरी के बिना कोई ऑपरेटर कैसे सेट टॉप बॉक्स बदल सकता है। जब-जब ऑपरेटर को घाटा होता है या दूसरी कंपनी उसे ज्यादा मुनाफा देती है तो वह बॉक्स बदल देता है।
मेहरुद्दीन रंगरेज, अध्यक्ष आरडब्ल्यूए गौतम विहार। अधिकतर उपभोक्ताओं को पता ही नहीं होता कि उन्हें ऑपरेटरों की मनमानी की शिकायत कहां करनी है, इसी बात का फायदा ऑपरेटर उठाते हैं। अगर किसी का बॉक्स खराब हो जाता है ऑपरेटर पैसे कमाने के चक्कर में उस बॉक्स को ठीक करने की जगह नया लगाते हैं।
चौधरी बलराम, करावल नगर।