गली नंबर दो के लोगों के जेहन से खत्म होने लगा है भय
बुराड़ी इलाके के संत नगर की गली नंबर चार के लोगों की जिदंगी धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी है। गली में अब सामान्य दिनों की तरह ही आसपास के लोगों की आवाजाही शुरू हो गई। हालांकि भाटिया परिवार की 11 लोगों की मौत के 14 दिन बीत जाने के बाद भी शनिवार को गली के लगी पुलिस की बेरिकेट्स हटी नहीं है। अब भी मकान के बाहर पुलिस कर्मी तैनात हैं। लेकिन अब न तो गली के बाहर लोगों की भीड़ दिखाई देती है और न ही मीडिया कर्मी व टीवी चैनलों के ओवी वैन खड़े नजर आते हैं।
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली :
बुराड़ी के संत नगर की गली नंबर दो के लोगों की जिदंगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। गली में अब सामान्य दिनों की तरह ही आसपास के लोगों की आवाजाही शुरू हो गई। हालांकि घटना के 14 दिन बाद भी गली में लगी पुलिस की बैरिकेडिंग हटी नहीं। मकान के बाहर अब भी पुलिसकर्मी तैनात हैं। लेकिन, अब न तो गली के बाहर लोगों की भीड़ दिखाई देती है और न ही मीडियाकर्मी व टीवी चैनलों की ओवी वैन नजर आती हैं। सबकुछ धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है और गली में रहने वाले लोगों की दिनचर्या भी पहले की तरह पटरी पर लौटने लगी है।
घटना के बाद आसपास की गलियों में रहने वाले लोगों ने गली नंबर दो की तरफ रुख करना बंद कर दिया था। खासकर स्कूली बच्चे व महिलाएं इस गली से मुख्य मार्ग पर आने से कतराने लगी थीं। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। चूंकि मकान अब भी पुलिस के कब्जे में है और मौके पर दिन रात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी हुई है, 14 दिनों के बाद लोगों के आंखों के सामने घटना के दृश्य घूम जाते हैं, लेकिन इस गली के लोग अब उन स्मृतियों को बाहर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
पड़ोस में रहने वाले वीरेंद्र त्यागी कहते हैं .सब कुछ पहले की तरह चलने लगा है, हम सब उस घटना को एक त्रासदी मानकर भूलने की कोशिश कर रहे हैं, देखिए अब बच्चे भी गली से आने जाने लगे हैं। पुलिस की बैरिकेड हट जाएगी तो धीरे-धीरे लोग हादसे को भूल जाएंगे। पास की गली में रहने वाली सुजाता ¨सह कहती हैं कि शुरू में बच्चों को थोड़ा डर लगा था, लेकिन अब से इस गली से आ- जा रहे हैं।