चीन निर्मित सामान का बहिष्कार ही सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : सेवानिवृत सैनिक और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने भारत-चीन सीमा पर गलवन घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को अपनी-अपनी श्रद्धांजली दी है। साथ ही चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सीमा के जवानों के हौसलों की तारिफ भी की है। इन्होंने यह भी कहा कि चीन के कायराना हरकत के लिए दंडित किया जाना चाहिए। सीमा पर तैनात जवान चीन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए काफी है। देश की जनता को चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। यह चीन के खिलाफ सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक होगी। कारगिल में भी पाकिस्तान चुपके से चढ़ा था और चीन ने भी गलवान घाटी में पीछे से आक्रमण किया था। पीछे से आक्रमण करनेवाले कभी विजयी नहीं होते। हमारे सैनिक शहीद हुए तो हमनें भी इन्हें छोड़ा और मुक्कमल जवाब दिया। 1980 के दशक में चीन की आर्थिक स्थिति हमसे बेहतर नहीं थी। अपने देश में निर्मित सामानों के निर्यात से समृद्धि मिली है। उसकी यह समृद्धि हमारी बदौलत मिली। इसके हर कदम को रोकने के लिए हमें चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार करना होगा। यह हमारा सबसे बड़ा हथियार है और देश के हर एक व्यक्ति को इस हथियार का इस्तेमाल करना होगा।
कैप्टन प्रमोद कुमार, सेवा निवृत अधिकारी चीन झूठा और धोखेबाज भी है। कोरोना महामारी फैलाने पर दुनिया के देश जांच कराने की मांग करने लगे हैं तो चीन को झूठ का पोल खुलने का भय सताने लगा है। चूंकि, इस समय विश्व के देश चीन के खिलाफ खड़े हैं। इसलिए चीन ने भारत का ध्यान भटकाने और अपने खिलाफ मुहिम को कमजोर करने के लिए इस तरह के भारतीय सैनिकों के साथ धोखा किया और सैनिकों पर हमला करवाया। यही समय है जब भारत के हर एक नागरिक को चीन के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है। भारत चीन निर्मित वस्तुओं को सबसे बड़ा बाजार है और हमारे देश के नागरिक उपभोक्ता हैं। देश के नागारिकों द्वारा चीन निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार से चीन की आर्थिक स्थिति हालत खराब हो जाएगी। चीनी ज्यादा दिनों तक सीमा पर नहीं टिक पाएंगे।
मांगेराम सांगवान, सेवा निवृत अधिकारी, सीमा सुरक्षा बल