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केसरिया दुर्ग बचाने को त्रिस्तरीय व्यूह रचना

दिल्ली के चुनावी समर में उतरने वाले भाजपा के सूरमा अभी सामने नहीं आए हैं। मतदान की तिथि भी अभी दूर है लेकिन पार्टी चुनाव प्रचार में किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है। वह कार्यकर्ताओं का उत्साह बनाए रखना चाहती है जिससे कि दिल्ली का मजबूत दुर्ग में कोई सेंध न लगा सके। पार्टी इसके लिए त्रिस्तरीय व्यूह रचना करके विपक्षी पार्टियों को चित करने की रणनीति बनाई है। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के साथ ही मंडल व जिला स्तर पर भी चुनाव समितियों का गठन होगा। इन समितियों में अनुभव के साथ ही युवाओं को भी तरजीह मिलेगी। 23 मार्च तक मंडल व जिला स्तरीय समितियों का गठन कर दिया जाएगा जबकि प्रत्याशियों की घोषण के बाद लोकसभा चुनाव संचालन समिति बनेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 08:35 PM (IST)
केसरिया दुर्ग बचाने को त्रिस्तरीय व्यूह रचना
केसरिया दुर्ग बचाने को त्रिस्तरीय व्यूह रचना

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली

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दिल्ली के चुनावी समर में उतरने वाले भाजपा के सूरमा अभी सामने नहीं आए हैं। मतदान की तिथि भी अभी दूर है, लेकिन पार्टी चुनाव प्रचार में किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है। वह कार्यकर्ताओं का उत्साह बनाए रखना चाहती है जिससे कि दिल्ली का मजबूत दुर्ग में कोई सेंध न लगा सके। पार्टी इसके लिए त्रिस्तरीय व्यूह रचना करके विपक्षी पार्टियों को चित करने की रणनीति बनाई है। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के साथ ही मंडल व जिला स्तर पर भी चुनाव समितियों का गठन होगा। इन समितियों में अनुभव के साथ ही युवाओं को भी तरजीह मिलेगी। 23 मार्च तक मंडल व जिला स्तरीय समितियों का गठन कर दिया जाएगा जबकि प्रत्याशियों की घोषणा के बाद लोकसभा चुनाव संचालन समिति बनेगी।

मंडल चुनाव संचालन समिति:-

मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में बनने वाली इस समिति में 15 सदस्य होंगे। पूर्व मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्रियों के साथ ही वहां यदि कोई पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक वर्तमान व पूर्व पार्षद और प्रदेश पदाधिकारी रहता होगा तो उसे भी समिति में शामिल किया जाएगा। शेष सदस्यों की नियुक्ति अध्यक्ष व अन्य नेताओं से विचार विमर्श करके करेगा। इस समिति की जिम्मेदारी स्थानीय स्तर पर चुनाव प्रचार अभियान को आगे बढ़ाने की होगी। इसके लिए चुनाव प्रचार समिति भी बनाई जाएगी। पोलिग एजेंटों के साथ ही जनसंपर्क अभियान प्रमुख, पदयात्रा प्रमुख व अन्य कार्यो के लिए योग्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही ऊपर से आने वाले संगठनात्मक निर्देशों का जमीनी स्तर पर लागू करने का काम समिति करेगी। जिला चुनाव संचालन समिति:

प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में दो जिले हैं। प्रत्येक जिले की अलग चुनाव संचालन समिति होगी। 31 सदस्यीय इस समिति का नेतृत्व जिला अध्यक्ष करेगा। इसमें जिला महामंत्री, पूर्व जिला अध्यक्ष, उस जिला में रहने वाले प्रदेश व राष्ट्रीय पदाधिकारी व 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नेता शामिल होंगे। जिला अध्यक्ष अन्य सदस्यों की नियुक्ति करेगा। जिला स्तरीय चुनावी गतिविधियों के संचालन के साथ ही यह प्रदेश व मंडल के बीच कड़ी का काम करेगा। लोकसभा चुनाव संचालन समिति:-

सभी लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित होने के बाद उसकी सलाह से यह समिति बनेगी। समिति में दोनों जिला अध्यक्षों व कोषाध्यक्षों के साथ ही पूर्व सांसद और उस जिला में कोई विधायक हो तो उसे भी शामिल किया जाएगा।

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'नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भाजपा को जीत दिलाने के लिए कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। होली के बाद चुनाव प्रचार अभियान में और तेजी आएगी। चुनाव संचालन समितियों के गठन से चुनावी गतिविधियों को जमीनी स्तर पर चलाने में मदद मिलेगी।'

-राजेश भाटिया, दिल्ली प्रदेश भाजपा महामंत्री


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