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प्रदूषण का कहरः विदेशी परिंदों को भी नहीं भा रहा दिल्ली का आसमान

तापमान में हो रही बढ़ोतरी का असर हर जगह महसूस किया जा रहा है। ठंड में दिल्ली के खुशनुमा मौसम का आनंद लेने के लिए किसी जमाने में चिड़ियाघर में भारी संख्या में विदेशी मेहमान परिंदे आया करते थे। पिछले 10 सालों की बात करे तो चिड़ियाघर में आने वाले

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2015 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2015 06:10 PM (IST)
प्रदूषण का कहरः विदेशी परिंदों को भी नहीं भा रहा दिल्ली का आसमान

नई दिल्ली। तापमान में हो रही बढ़ोतरी का असर हर जगह महसूस किया जा रहा है। ठंड में दिल्ली के खुशनुमा मौसम का आनंद लेने के लिए किसी जमाने में चिड़ियाघर में भारी संख्या में विदेशी मेहमान परिंदे आया करते थे। पिछले 10 सालों की बात करे तो चिड़ियाघर में आने वाले विदेशी परिंदों के आंकड़े काफी निराश करने वाले हैं।

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एक दशक पहले तक चिड़ियाघर की झील करीब पांच हजार विदेशी परिंदों से गुलजार रहती थी। पिछले साल में यहां यह संख्या घटकर 500 रह गई है। इस साल भी अभी तक केवल 200 के करीब ही विदेशी परिंदे पहुंचे हैं।

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के क्यूरेटर रियाज खान ने बताया कई साल पहले तक यहां पर सितंबर माह के आखिर से ही विदेशी परिंदो का आना शुरू हो जाता था, लेकिन तापमान में बढ़ोतरी और सर्दियों का देरी से आना इनके प्रवास को प्रभावित कर रहा है।

पक्षियों के आने में लगातार देरी तो हो ही रही है, साथ ही इनकी संख्या भी घट रही है। दिसंबर शुरू हो गया है और अभी भी अधिकतम तापमान 28 डिग्री के आसपास बना हुआ है, जो किसी भी दृष्टि से विदेशी मेहमान परिंदों के अनुकूल नहीं है।

यहां तापमान ज्यादा होने के कारण विदेशी परिंदे कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे प्रदेशों में ठहर रहे हैं और इसलिए दिल्ली का मौसम उनकी पहली पसंद नहीं रहा। दिल्ली में यह पक्षी उस स्थिति में ठहरना पसंद करते हैं जब अधिकतम तापमान 22-20 डिग्री के नीचे हो।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि तापमान में वृद्धि का कारण प्रदूषण है। यदि यही हाल रहा तो विदेशी मेहमान परिंदों का जिक्र सिर्फ किस्से-कहानियों में रह जाएगा। इस बीच भारत के दूसरे राज्यों से परिंदों के आने पर में कोई बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है।

रियाज खान ने बताया इस बार देर से सही, लेकिन पेंटिड स्टोर्क पक्षी भारी मात्र में आए हैं और इनकी नेस्टिंग और ब्रीड़िंग भी पिछले वर्षो की तुलना में ज्यादा है।

इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि भारतीय परिंदे बढ़ते तापमान के अनुरूप खुद को ढाल रहे हैं जबकि विदेशी परिंदों यहां खुशनुमा मौसम की तलाश में आते हैं और अभी भी उनकी दृष्टि से दिल्ली का तापमान ज्यादा है।


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