बांकनेर-मुनिरपुर रोड बदहाल, लोग परेशान
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सिघु व टीकरी बार्डर पर कब्जा कर रखा है। इस वजह से दिल्ली हरियाणा पंजाब आदि राज्यों के लोगों को गांवों के टूटे व उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है। इन्ही रास्तों से एक रास्ता है बांकनेर- मुनिरपुर रोड का। यह रास्ता करीब आठ वर्षो से अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सिघु व टीकरी बार्डर पर कब्जा कर रखा है। इस वजह से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के लोगों को गांवों के टूटे व उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है। इन्ही रास्तों से एक रास्ता है बांकनेर- मुनिरपुर रोड का। यह रास्ता करीब आठ वर्षो से अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है। अब तो सड़क पूरी तरह से टूट गई है। इस जर्जर सड़क पर चलना अब लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है।
ग्लोबल मिशन फाउंडेशन के ट्रस्टी मुकेश गुप्ता ने बताया कि सिघु बार्डर बंद होने की वजह से बांकनेर-मुनिरपुर रोड से काफी ज्यादा वाहनों का आवागमन हो रहा है। लेकिन बांकनेर गांव से हरियाणा के मुनिरपुर गांव को जोड़ने वाली सड़क करीब आठ वर्षों से जर्जर है। अब वाहनों के बढ़ते दबाव की वजह से सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इस वजह से यहां से आने जाने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर रोज कोई न कोई दुर्घटना की खबर सामने आती है। उन्होंने कहा कि इस रोड के दोनों तरफ बांकनेर गांव के लोगों के खेत हैं। उन्हें इस जर्जर रास्ते की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ------------
बांकनेर-मुनिरपुर रोड पर नाले का निर्माण किया जा रहा है। दस से 15 दिन में नाला बन जाएगा। इसके अलावा रोड निर्माण के लिए भी बजट बनाकर संबंधित विभाग के पास भेज दिया गया है। बजट आते ही रोड निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। - राम नारायण भारद्वाज, अध्यक्ष, नरेला वार्ड समिति