लाल किला में फिर ढूंढ़ा जाएगा मेहताब बाग
फोटो 621 व 622 लाल किला परिसर में जमीन के अंदर एक से डेढ़ मीटर की गहराई में दबा है यह
वी के शुक्ला, नई दिल्ली
बादशाह शाहजहां ने लाल किला के निर्माण के समय 1639-1648 के बीच जिस मेहताब बाग को अपनी बेगमों के लिए बनवाया था, वह बाग लाल किला परिसर में जमीन के अंदर एक से डेढ़ मीटर की गहराई में दबा है। यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) अब फिर से खोदाई कराने जा रहा है। एक माह के अंदर खोदाई शुरू होगी। इसके बाद दस्तावेजों में बाग के बारे में मिले प्रमाण के आधार पर इसे विकसित किया जाएगा।
बताया जाता है कि शाहजहां के समय से लेकर अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के समय तक यह बाग अस्तित्व में रहा। 1857 की क्राति के समय जब अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को बंदी बना लिया और लाल किला पर कब्जा कर लिया, उस समय अंग्रेजों ने इस बाग को नष्ट कर दिया। जहां पर सुंदर बाग था, वहां मिंट्टी डलवाकर उसे पाट दिया गया। इस बाग के स्थान पर अंग्रेज सेना ने परेड ग्राउंड बनवाया। अंग्रेजों के देश छोड़ने के बाद भारतीय सेना ने इस स्थान पर एक पार्क बना दिया था। कुछ साल पहले एएसआइ को लाइब्रेरी में 1857 से पहले का एक दस्तावेज मिला, जिसमें इस बाग के बारे में प्रमाण थे। 2014 में बाग को ढूंढ़ने के लिए चिह्नित स्थान पर खोदाई कराई गई थी, जिसमें फव्वारों के पैनल व छोटी नहर होने के प्रमाण मिले थे। कुछ माह के बाद काम आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
--------------------- एएसआइ के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. बीआर मणि कहते हैं कि शाहजहांनामा में इस बात का जिक्र है कि जन्नत (स्वर्ग) के बारे में जो बातें शाहजहां को बताई गई, वैसी ही सुविधा लाल किला में भी स्थापित करने का प्रयास किया गया था, जिसमें महलों के अलावा बहुत बड़े भाग में बाग-बगीचा लगाए गए। विभिन्न प्रकार के फलों वाले पेड़ लगाए गए। खुशबू के फूलों वाले पेड़-पौधे भी लगाए गए। बावली की हटेगी दीवार
बावली के चारों ओर की बाहरी दीवारें हटेंगी। इसके स्थान पर लोहे की ग्रिल लगेगी, जिससे लोग इसे देख सकेंगे। इससे कुछ दूरी पर स्थित ऐतिहासिक कुएं का भी संरक्षण किया जाएगा।