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दिल्ली के सीएम केजरीवाल का धरना 9वें दिन भी जारी, मनीष सिसोदिया अस्पताल से डिस्चार्ज

स्वास्थ्य खराब होने के चलते अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन अस्पताल पहुंच चुके हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:47 AM (IST)
दिल्ली के सीएम केजरीवाल का धरना 9वें दिन भी जारी, मनीष सिसोदिया अस्पताल से डिस्चार्ज

नई दिल्ली (जेएनएन)। उपराज्यपाल अनिल बैजल केे दफ्तर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके कैबिनेट सहयोगियों का धरना 9वें दिन भी जारी है। बावजूद इसके कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि सीएम केजरीवाल को किसने उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना देने की अनुमति दी? कोर्ट की बेंच ने कहा था, 'यह धरना नहीं है। आप किसी के घर या दफ्तर में घुसकर हड़ताल या धरना नहीं कर सकते हैं।' हालांकि स्वास्थ्य खराब होने के चलते अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे सत्येंद्र जैन अस्पताल पहुंच चुके हैं, जबकि मंत्री मनीष सिसोदिया को लोक नारायण जय प्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) से डिस्चार्ज किया जा चुका है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, अस्पताल में इलाज के बाद मनीष सिसोदिया का कीटोल लेवल 7.4 पहुंच चुका है, ऐसे में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। वह भी सत्येंद्र जैन के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे।

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इससे पहले मंगलवार सुबह ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर आशा जताई है कि हो सकता है मंगलवार को उपराज्यपाल उनसे मुलाकात को राजी होंगे। 

केजरीवाल ने ट्वीट किया है- 'गुड मॉर्निग दिल्ली, हम लगातार आठ दिन से उपराज्यपाल से मुलाकात के लिए उनके दफ्तर में इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों तबीयत खराब होने के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। उपराज्यपाल आठ दिनों के दिनों के दौरान दिल्ली की जनता के लिए आठ मिनट भी नहीं निकाल सके। हो सकता है आज समय निकाल लें।'

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के धरने के खिलाफ उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उपराज्यपाल दफ्तर में धरना देने के लिए केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। 

दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- आप इस तरह किसी के घर में घुसकर धरना नहीं दे सकते

वहीं, सोमवार को राजनिवास में मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों के धरने को लेकर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी का भाजपा ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना दे रहे नेताओं ने कहा कि हाई कोर्ट से फटकार मिलने के बाद अब दिल्ली सरकार को अपना नाटक तुरंत बंद करके दिल्ली के लोगों की चिंता करनी चाहिए।

दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों को आईना दिखा दिया है। विजेंद्र गुप्ता ने हाई कोर्ट में अपील दायर करके राजनिवास से मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों के धरने को समाप्त कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी के घर में जाकर धरना नहीं दिया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा धरने का मकसद

अदालत ने दिल्ली सरकार के धरने का मकसद भी पूछा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को भी पता नहीं है कि वह दिल्ली के पूर्ण राज्य की मांग को लेकर धरने पर है या अधिकारियों के रवैये को लेकर या राशन व्यवस्था को लेकर। वह अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी मकसद आगे-पीछे करती रहती है।

उन्होंने कहा कि शनिवार को आम आदमी पार्टी की रैली में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल का शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा अध्यक्ष का पद राजनीति से ऊपर है और उनका किसी भी राजनीतिक आंदोलन या मंच में सम्मिलित होना निंदनीय है। सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि आइएएस आधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे हड़ताल पर नहीं हैं और सरकार के साथ काम करना चाहते हैं। सरकार को उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उचित कदम उठाने चाहिए।

विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री खुद तो काम कर नहीं रहे हैं और उपराज्यपाल को भी काम नहीं करने दे रहे हैं। पिछले 135 दिनों में मुख्यमंत्री केवल पांच बार सचिवालय आए हैं और वह भी कैबिनेट की बैठक में उपस्थित होने के लिए।

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्र ने कहा कि अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केजरीवाल पर ध्यान दे दिया है। उनका इसे लेकर एक बयान भी आ गया है। इस तरह से केजरीवाल का सोफा व्रत सफल हो गया है। इसलिए उन्हें कोप भवन से बाहर आकर दिल्ली के लोगों की समस्याएं हल करनी चाहिए। 

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