अब मोहल्ला सभा तय करेगी दिल्ली में शराब ठेकेे कहां खुलेंगे-कहां नहीं!
मोहल्ला सभा की सिफारिश पर दिल्ली में कोई भी शराब का ठेका (दुकान) बंद होगा। ठेका खोलने के लिए भी मोहल्ला सभा की अनुमति लेनी होगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मोहल्ला सभा की सिफारिश पर दिल्ली में कोई भी शराब का ठेका (दुकान) बंद होगा। ठेका खोलने के लिए भी मोहल्ला सभा की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा इस साल अब नया ठेका नहीं खुलेगा। ठेके के आसपास का माहौल खराब होने पर ठेके का प्रबंधक जिम्मेदार माना जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को आबकारी नीति 2016-17 पर मुहर लगा दी है। इस साल कोई भी सरकारी व निजी शराब का ठेका नहीं खुलेगा। देशी-विदेशी शराब व बीयर सहित किसी भी तरह की शराब के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
कैबिनेट के फैसले के अनुसार शराब के ठेके को खोलने या बंद कराने संबंधी अधिकार मोहल्ला सभा को दिए गए हैं। किसी भी ठेके पर मोहल्ला सभा की सिफारिश पर ताला लग जाएगा। ठेके को बंद करने वाले प्रस्ताव के लिए मोहल्ला सभा को बैठक बुलानी होगी।
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बैठक में मोहल्ला सभा के कुल सदस्यों में से कम से कम 15 फीसद लोगों का पहुंचना अनिवार्य होगा। इन 15 फीसद लोगों में 33 फीसद महिलाओं का होना जरूरी है। 15 फीसद में से भी यदि दो तिहाई यानी 66 फीसद लोग भी ठेका बंद करने के बारे में समर्थन दे देंगे तो वह बंद हो जाएगा।
ठेका खोलने के लिए भी मोहल्ला सभा से स्वीकृति लेनी होगी। कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। केजरीवाल ने कहा कि शराब के ठेकों से दिल्ली में आसपास रहने वाले लोग परेशान हैं।
ठेके के आसपास का माहौल खराब होता है, लड़कियों व महिलाओं के साथ छेड़खानी आदि होती है। इसे देखते हुए सरकार ने मोहल्ला सभा को अधिकार दिया है। मोहल्ला सभा के माध्यम से जनता के पास यह अधिकार होगा कि ठेके को बंद करा सकेगी, ऐसे ठेके को जनता जहां कहेगी वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि कहीं शराब की दुकान चल भी रही है तो उसके बारे में लोग ही तय करेंगे कि वहां चलेगी या नहीं। लोग यह भी तय करेंगे कि उसे बंद करने के बाद कहां स्थानांतरित किया जाए।