लीड : उम्मीद के साथ पहुंचे स्क्रीनिंग सेंटर, लगी निराशा हाथ
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मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली
किराए का मकान खाली कर अपने-अपने गांव जाने के लिए द्वारका सेक्टर-6 में साइट-2 स्थित राजकीय सह-शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बने स्क्रीनिग सेंटर पर पहुंचे लोगों के चेहरे पर तब उदासी पसर गई, जब घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि आज ट्रेन का कोई इंतजाम नहीं हो पाया है। जैसे ही अधिकारियों ने ट्रेन नहीं उपलब्ध होने की बात बताई, कतार में बैठे कामगारों व उनके स्वजनों की आंखें छलछला गई। सेंटर से बुधवार को भी लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा था।
अधिकारियों के मुताबिक वे भी मजबूर हैं, वे सभी को घर भेजना चाहते हैं, लेकिन जब ट्रेन का ही कोई बंदोबस्त नहीं होगा तो वे क्या कर सकते हैं। हालांकि वे इस मसले पर वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित घर भेजने का प्रबंध किया जाए। फिलहाल सभी को प्रशासन की ओर से शेल्टर होम भेजकर उनके रहने व खाने का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य जांच के लिए मंगलवार को सुबह छह बजे स्क्रीनिग सेंटर पहुंचे इम्तियाज ने बताया कि लॉकडाउन के चलते दिल्ली में काम-धंधा सब चौपट हो चुका है। लॉकडाउन भले ही खुल गया है, लेकिन काम-धंधे में मंदी बनी हुई है। ऐसे में मैंने सोचा दो माह के लिए गांव चला जाता हूं। स्क्रीनिग सेंटर पर मैं काफी उम्मीद के साथ आया था। मैंने सोचा था जब इतने लोग गांव लौट रहे हैं, तो मैं भी सरलता से गांव लौट जाऊंगा। पर मेरी किस्मत ही खराब लग रही है। सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक कोई जानकारी नहीं दी गई कि ट्रेन कब और कितने बजे की है। दो बजे के बाद सूचना दे रहे हैं कि ट्रेन का बंदोबस्त नहीं हो पाया है। सरकार एक तरफ दावा ठोक रही है कि हम सबको घर भेज रहे हैं, दूसरी तरफ ऐसी अव्यवस्था।
यह सिर्फ इम्तियाज की ही नहीं, बल्कि सेंटर पर पहुंचे करीब 450 लोगों की भी समस्या है। सुकून की बात यह है कि इस दौरान प्रशासन ने लोगों के दुख को समझते हुए पहले उनके लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था और पीने के लिए पानी की व्यवस्था की। सुबह के घर से निकले भूखे-प्यासे लोग इस गर्मी के मौसम में बीमार हो सकते हैं, इसलिए सभी को खाने के पैकेट दिए गए।
एसडीएम व सेंटर इंचार्ज चंद्रशेखर और सेंटर के नोडल ऑफिसर राजीव शुक्ला ने सभी लोगों को अपने हाथों से खाने के पैकेट दिए। इसके बाद बसों में बैठाकर इच्छुक लोगों को विभिन्न शेल्टर में इस आश्वासन के साथ शिफ्ट किया कि जैसे ही ट्रेन की व्यवस्था होगी, प्रशासन सबसे पहले उन्हें गांव रवाना करेगा। करीब 250 लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया, बाकी लोगों ने कहा कि उनका घर नजदीक है, वे कल घर से दोबारा आएंगे।