विशेष अदालत में रोजाना हो सिख विरोधी दंगे की सुनवाई: बादल
सिखों के मामलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल का प्रतिनिधि मंडल पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिला।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष अदालत बनाने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में अकाली नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिला। इस दौरान उनसे सिख विरोधी दंगे मामले की रोजाना सुनवाई की मांग की। अफगानिस्तान से आने वाले सिख शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने में आ रही समस्या सहित अन्य मामले भी गृहमंत्री के सामने उठाए गए।
बादल ने कहा कि पिछले 34 वर्षों से पीड़ित सिख इंसाफ के लिए भटक रहे हैं, इसलिए विशेष अदालत का गठन कर तय समयसीमा के अंदर सभी मामलों की सुनवाई करके दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। सुखबीर ने कहा कि गृहमंत्री ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बात करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के काले दौर के दौरान गिरफ्तार किए गए सिख नौजवानों को अब रिहा कर देना चाहिए।
सुखबीर ने कहा कि अफगानिस्तान से भारत आए सिखों को नागरिकता मिलने में आ रही दिक्कत दूर की जानी चाहिए। उन्होंने सिक्किम के गुरुद्वारा डागमार साहिब की पुन: स्थापना कर सिखों को सौंपने, शिलाग में सिखों की कॉलोनी को उजाड़ने से रोकने, जम्मू-कश्मीर के सिखों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देकर ¨हदू शरणार्थियों के बराबर सुविधाएं देने, जोधपुर जेल में बंद 365 सिखों को केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा देने, बलवंत सिंह राजोआणा की फासी की सजा को उम्रकैद में बदलने, चंडीगढ़ में सिख महिलाओं को दोपहिया वाहन चलाने में हेलमेट की अनिवार्यता से छूट देने और मुंबई की पंजाबी कालोनी को फिर से बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने इन मांगों पर अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके, राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ व नरेश गुजराल, अकाली नेता त्रिलोचन सिंह, डीएसजीपीसी के कानून विभाग के चेयरमैन जसविंदर सिंह जौली सहित अफगानिस्तान से भारत आए सिखों के प्रतिनिधि शामिल थे।