पंजाब और हरियाणा में गुरुवार को सबसे ज्यादा पराली जलाई गई
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हरियाणा और पंजाब सरकार चाहे कितने दावे करे, लेकिन पराली जलाने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हरियाणा और पंजाब सरकार चाहे कितने दावे करे, लेकिन पराली जलाने पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर की तरफ से बताया गया है कि गुरुवार को पंजाब एवं हरियाणा में इस साल अब तक की सबसे ज्यादा पराली जलाई गई है। इसका असर शनिवार को दिल्ली में देखने को मिल सकता है। दूषित हवा दिल्ली का और दम घोंट सकती है। सफर के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में 2100 जगहों पर पराली जलाई गई।
स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि शनिवार को दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दस बजे के बाद उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा दिल्ली में पहुंच सकती है। इसके कारण पराली से दिल्ली के वातावरण में प्रदूषण बढ़ सकता है। अब भी पराली पंजाब एवं हरियाणा में जलाई जा रही है। दो दिनों तक प्रदूषण और परेशान कर सकता है।
वहीं, दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने शुक्रवार को पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली की खराब होती हवा के मद्देनजर बातचीत की। उन्होंने इमरजेंसी जैसे हालात पर चिंता जताई और अधिकारियों को कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्यों की तरफ से भी दिल्ली के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है। ईपीसीए की तरफ से कहा गया है कि इमरजेंसी हालात में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण को भी लागू किया जाएगा। ऐसा तभी होगा जब लगातार 48 घंटों तक दिल्ली की हवा बेहद गंभीर रहेगी। हमें शनिवार का इंतजार है। ग्रेप के चौथे चरण में स्कूलों को बंद करने, ऑड-इवेन लागू करने, पार्किग शुल्क बढ़ाने जैसे नियम शामिल हैं।