बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए केरल जाने को तैयार रेजिडेंट डॉक्टर
केरल के बाढ़ पीड़ितों को चिकित्सीय मदद करने के लिए एम्स के डॉक्टर वहां जाना चाहते हैं। डॉक्टरों के संगठनों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजकर स्वीकृति मांगी है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिल्ली के लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस क्रम में सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर भी वहां जाकर बाढ़ पीड़ितों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना चाहते हैं। इस बाबत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) इंडिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर केरल जाने की स्वीकृति मांगी है।
दोनों संगठनों ने सरकार से रेजिडेंट डॉक्टरों के दल को केरल भेजने की स्वीकृति मांगी है। साथ ही यह भी कहा है कि डॉक्टरों के वहां जाने और ठहरने की व्यवस्था सरकार करे। फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. विवेक चौकसे ने कहा कि बाढ़ के कारण केरल में बीमारियों का संक्रमण फैलने की आंशका है।
फोर्डा रेजिडेंट डॉक्टरों का सबसे बड़ा संगठन है। संगठन के रेजिडेंट डॉक्टर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जाने को तैयार हैं।
एम्स के आरडीए ने मंत्रालय को पत्र भेजकर कहा है कि सेना के जवान और विभिन्न गैर सरकारी संगठन बाढ़ पीड़ितों की मदद में मुस्तैद हैं और वे अच्छा काम कर रहे हैं। फिर भी एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर वहां जाने को इच्छुक हैं। आरडीए ने मंत्रालय से एम्स बाढ़ व आपदा राहत टास्क फोर्स गठित करने की मांग की है। इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एसोसिएशन ने राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय समिति का गठन किया है। एसोसिएशन की टीम राहत कार्य में जुटी हुई है और बाढ़ पीड़ितों को अब तक 40 लाख रुपये की दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।