अपने मरीजों को नहीं मिल पाता बेहतर इलाज : उपराष्ट्रपति
एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का शुक्रवा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का शुक्रवार को 46वें दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पहुंचे।
समारोह में 671 डॉक्टरों को डिग्री मिली। इसमें 65 पीएचडी करने वालों, 90 डीएम/एमसीएच, 245 एमडी/एमएस /एमडीएस /एमएचए, 67 एमएससी बॉयोटेक, 75 एमबीबीएस, 93 बीएससी, 23 पारामेडिक्स और 13 फेलोशिप के पूर्व छात्रों को डिग्री मिली।
इस अवसर पर वेंकैया नायडू ने कहा कि देश में विदेशियों को तो बेहतर इलाज मिल जाता है, लेकिन विडंबना यह है कि अपने नागरिकों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता। उपराष्ट्रपति ने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि प्रत्येक नागरिक को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि हमें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं विकसित करनी होंगी। उन्होंने एक तिहाई राज्यों के स्वास्थ्य सूचकाक में गिरावट पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्यों की तरह उत्तर और पूर्वी भारत और उत्तर पूर्व के राज्यों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
हर वर्ग के मरीज का बिना भेदभाव इलाज करें डॉक्टर
नायडू ने एम्स के दीक्षात समारोह में डिग्री लेने आए युवा डॉक्टरों से कहा कि वे चिकित्सा सेवा के नैतिक मूल्यों को सदैव जेहन में रखें। उन्होंने आह्वान किया कि वे प्रत्येक मरीज की आर्थिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखे बिना पूरी शिद्दत से उसका इलाज करें। उपराष्ट्रपति ने विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं की सहूलियत के लिए एम्स प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि सिर्फ चिकित्सक ही बीमार मानवता को रोगमुक्त बना सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने चिकित्सा सेवाओं के मामले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच के अंतर का भी जिक्र करते हुए कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित कर इस अंतर को खत्म किया जा सकता है।