तेजाब हमले की पीड़िता की याचिका पर केंद्र व एम्स को नोटिस
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : तेजाब हमले का शिकार हुई एक युवती की याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट ने केंद्र व एम्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : तेजाब हमले का शिकार हुई एक युवती की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीड़िता ने दिव्यागों के लिए एम्स की आरक्षण नीति पर सवाल उठाया है। उन्होंने न्यायमूर्ति पीएस तेजी की पीठ से मांग की कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दें कि एसिड हमलों के पीड़ितों को उनका हक दिलाना सुनिश्चित करे। मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
याचिका के अनुसार पीड़ित युवती पर वर्ष 2004 में तेजाब फेंका गया था। उन्होंने हाल ही में नर्सिग ऑफिसर की नियुक्ति के संबंध में एम्स द्वारा जारी एक नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि नौकरी का विज्ञापन असंवैधानिक है और वर्ष 2016 में दिव्यागों के लिए बने नियमों का उल्लंघन भी है। विज्ञापन के अनुसार कुल 32 पद दिव्यागों के लिए आरक्षित हैं। आवेदन के लिए और जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि ये पद सिर्फ उन्हीं आवेदकों के लिए हैं, जिनके पैर नहीं हैं। उनके अलावा कोई अन्य दिव्यांग आवेदन करने के योग्य नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस नीति के कारण वह नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकीं, जबकि एसिड अटैक पीड़िता को लेकर बनाए गए नियम की धारा 33 व 34 के तहत कम से कम एक फीसद पद एसिड हमले के पीड़ितों के लिए आरक्षित किए जाने का नियम निर्धारित किया गया था। पीड़िता ने अदालत से मांग की कि विज्ञापन रद कर नए सिरे से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए।