राहत मांगने गए आप विधायकों को हाई कोर्ट से मिली फटकार
- 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के मामले में कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से किया इन्कार
- 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के मामले में कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से किया इन्कार
- कोर्ट ने विधायकों से पूछा चुनाव आयोग के बार-बार बुलाने पर क्यों नहीं गए
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
लाभ का पद मामले में चुनाव आयोग द्वारा 20 सदस्यों की सदस्यता खत्म करने की फाइल राष्ट्रपति को भेजने के बाद सियासी तूफान मच गया। बगैर किसी तैयारी के आनन-फानन में फौरी राहत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे आप विधायकों को कोर्ट ने जमकर लताड़ लगाई। कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर चुनाव आयोग क्या करे, बार-बार बुलाने पर भी आप आयोग क्यों नहीं गए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने उक्त टिप्पणियों के साथ आप विधायकों को झटका देते हुए अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में न तो कोई आदेश या नोटिस जारी करेंगी और न ही चुनाव आयोग से कोई स्पष्टीकरण ही मांगेगी।
हालांकि, कोर्ट ने मामले में चुनाव आयोग से पूछा कि क्या सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने के संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंतिम निर्णय भेज दिया गया है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी तारीख तय की है।
चुनाव आयोग द्वारा 20 सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने के मामले में संस्तुति राष्ट्रपति को भेजने के कुछ घंटे बाद ही फौरी राहत की मांग के साथ परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, वजीरपुर विधायक राजेश गुप्ता, लक्ष्मी नगर विधायक नितिन त्यागी, कस्तूरबा नगर विधायक मदन लाल, सदर बाजार सोमदत्त और नरेला विधायक शरद कुमार ने हाई कोर्ट पहुंचे। देर शाम करीब पांच बजे न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की कोर्ट में मामले में सुनवाई शुरू हुई तो सभी विधायक कोर्ट में मौजूद रहे। सभी के चेहरे उतरे हुए थे, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें कोर्ट से कोई अंतरिम राहत मिल जाए, लेकिन जैसे-जैसे कोर्ट में सुनवाई आगे बढ़ी उनके चेहरे का रंग उड़ता दिखाई दिया।
कोर्ट ने राहत देना तो दूर आप विधायकों को ही कटघरे में खड़ा करते हुए जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आखिर जब चुनाव आयोग आपको बार-बार बुला रहा था तो आप क्यों नहीं गए। जब आप खुद ही चुनाव आयोग के सामने नहीं गए तो अब इसमें चुनाव आयोग क्या करेगा।