Move to Jagran APP

सारे जहां से अच्छा से हुआ बीटिंग रिट्रीट समारोह का समापन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली दुश्मन दिखाई देने पर हमारे सैनिक केवल ऊंगलियों से बंदूक का ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 09:38 PM (IST)
सारे जहां से अच्छा से हुआ बीटिंग रिट्रीट समारोह का समापन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

loksabha election banner

दुश्मन दिखाई देने पर हमारे सैनिक केवल ऊंगलियों से बंदूक का टिगर दबा उसके नापाक इरादों को खत्म करने में महारथ ही नहीं रखते बल्कि अपनी उन्ही ऊंगलियों से वाद्ययंत्रों से धुन निकालकर दुश्मन को कड़ा संदेश दे सकते हैं। ऐसा ही कुछ एक बार फिर विजय चौक पर हुए गणतंत्र दिवस के बीट्रिग रिट्रीट (समापन समारोह) में देखने को मिला। जब तीनों सेना के सैनिकों के साथ अर्धसैनिक बलों के बैंड अपनी धुनों से बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस बार की खास बात यह थी कि इस समारोह में प्रस्तुत की गई 26 धुनों में 25 धुनें भारतीय संगीतकारों ने तैयार की थी।

कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आने से हुई। साथ ही तीनों सेनाओं के दस्ते ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद समारोह में सैन्य संगीत की सरिता ने लोगों को न केवल गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया बल्कि लोगों थिरकने भी लगे।

जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़न्या करती है बसेरा..वो भारत देश हैं मेरा, एकमात्र पश्चिमी धुन 'अबाइड विद मी, ऐ मेरे वतन के लोगों..जरा आंख में भर लो पानी और सारे जहां से अच्छा हिन्दोंस्तां हमारा से इस कार्यक्रम का समापन हुआ।

सेना के विशेष संचालक मेजर गिरीश कुमार नायर रहे, नौसेना की तरफ से विशेष संचालक लेफ्टिनेट प्रदीप कुमार, सेना मिलिट्री बैंड के संचालक सूबेदार मेजर एस के शर्मा, पाइप एंड ड्रम बैंड में संचालक सूबेदार मेजर नम बहादुर गुरूंग, वायुसेना बैंड के संचालक डे डब्लु ओ अशोक कुमार, अर्धसैनिक बलों के बैंड कॉन्सटेबल भीम सिंह, बिगुल वादक के संचालक सूबेदार जगदीश गिरी और प्रधान संचालक मेजर अशोक कुमार रहे।

बीटिंग रिट्रीट जिसे फौजों की वापसी भी कहा जाता है, के साथ ही रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हो गया। सूर्यास्त से ठीक एक घंटा पहले तक विजय चौक पर चले इस संगीतमय समारोह में तीनों सेनाओं के बैंडों ने सामूहिक प्रस्तुति तो दी ही, एकल प्रस्तुतियां भी दीं। बीटिंग रिट्रीट में 18 मिलिट्री बैंड, 15 पाइप एंड ड्रम बैंड शामिल हुए।

इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते ने ऐसा समा बांधा कि समारोह में मौजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकया नायडु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य अतिथि और दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर तीनों सेनाध्यक्ष भी मौजूद थे। समारोह का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने पहुंचे थे। बीटिंग रिट्रीट के समारोह के समापन के साथ ही शाम ठीक छह बजे जब रायसीना हिल पर बने राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ व साउथ ब्लॉक के अलावा संसद भवन रौशनी से जगमग हुई तो मानो धरती की भव्यता विजय चौक पर उतर आई हो।

बाक्स -

उपराष्ट्रपति से चर्चा करते और मुस्कुराते हुए नजर आएं प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी बीट्रिंग रिट्रीट के इस कार्यक्रम में मुस्कुराते हुए नजर आए। उनके एक तरफ लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन बैठी थी तो दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू बैठे थे। वह जवानों द्वारा धुनों को संगीत दिए जाने के साथ अपने चित परिचित अंदाज में मुस्कुराकर बात कर रहे थे। उन्होंने पूरे समारोह का भरपूर आनंद लिया।

::::::::::::

बीटिंग रिट्रीट

'समापन समारोह' सदियों पुरानी उन दिनों की सैन्य परंपरा है जब सूर्यास्त होने पर सेना युद्ध बंद कर देती थी। जैसे ही बिगुल वादक समापन की धुन बजाते सैनिक युद्ध बंद कर देते और अपने अस्त्र-शस्त्र समेटकर युद्ध के मैदान में लौट पड़ते थे। इसी कारण समापन धुन बजने के दौरान अविचल खड़े रहने की परंपरा आज तक कायम है। इस अवसर पर ड्रम वादन उन दिनों की यादगार है जब कस्बों और शहरों में तैनात सैनिकों को सायंकाल एक नियत समय पर उनके सैन्य शिविरों में बुला लिया जाता था।

समाप्त, निहाल सिंह

::::

क्त्रद्गश्चश्रह्मह्लद्गह्म ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :

9999


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.