Move to Jagran APP

कभी साहिबी नदी थी, अब इस का नाम है नजफगढ़ नाला

By Edited By: Published: Mon, 19 Nov 2012 10:21 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2012 10:22 PM (IST)
कभी साहिबी नदी थी, अब इस का नाम है नजफगढ़ नाला

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एक ओर दिल्ली सरकार यमुना को साफ करने के लिए सबसे बड़े नजफगढ़ नाले पर इंटरसेप्टर सीवर सिस्टम लगाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी कर रही है, वहीं इस नाले को साफ करने के लिए विशेषज्ञों ने एक आसान तरीका सुझाया है।

loksabha election banner

यमुना जिये अभियान ने उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना को भेजे अपने एक पत्र में इस तरीके से अवगत कराया है। फाउंडेशन फॉर ग्रीनटेक एन्वायरमेंटल सिस्टम के असित नेमा और टोकयो इंजीनियरिंग कंसलटेंट्स के डॉ. ललित अग्रवाल द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नजफगढ़ नाले का बेहतर प्रबंधन करके प्रदूषण की मात्रा बेहद कम की जा सकती है।

इसके लिए नजफगढ़ नाले के अवरोधक तैयार करने होंगे, ताकि पानी वहां पर रुक जाए और फिर एक साथ तेजी से बहे। इस तरह जगह-जगह अवरोधक बनाकर पानी रोक कर बहाव को तेज करना होगा। यह सर्वविदित है कि पानी का बहाव जितना तेज होगा, उतनी पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती जाएगी। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में इसी पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है, इससे प्रदूषक तत्व नीचे बैठ जाते हैं और साफ पानी बाहर निकल जाता है।

इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए यमुना जिये अभियान के संयोजक मनोज मिश्रा ने बताया कि नजफगढ़ नाला, जिसमें दिल्ली के लगभग बड़े नाले गिरते हैं, को कभी साहिबी नदी के रूप में जाना जाता था। इस नदी का बहाव ऐसा था कि यह सीधे यमुना में गिरती थी। धीरे धीरे नदी तो समाप्त हो गई और नाले का रूप ले लिया। पानी का बहाव भी धीमा हो गया। यदि इसका बहाव तेज होगा तो प्रदूषण की मात्रा काफी हो जाएगी।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.