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'विटामिन बी-12' की कमी से हो सकता है नसों में ब्लॉकेज

By Edited By: Updated: Fri, 12 Oct 2012 11:13 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

अंडा, मांस, मछली, आलू, पनीर, दूध जैसे भोज्य पदार्थ अगर नहीं खाते हैं तो खाना शुरू कर दीजिए, नहीं तो आपके दिल, दिमाग और पैरों की नसों में ब्लॉकेज होने की संभावना बढ़ सकती है। एक अध्ययन में खुलासा किया गया कि जिन लोगों के दिल, दिमाग और पैरों की नसों में ब्लॉकेज (अवरोध) पाया गया, उनके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी पाई गई। सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बायोकैमेस्ट्री विभाग के सहयोग से इस अध्ययन को अंजाम दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इस अध्ययन को आर्थिक मदद दी है। हालांकि प्राकृतिक रूप से शरीर में बहुत कम मात्रा में बी-12 बनता है इसलिए लोगों को बाहर से बी-12 की पूर्ति के लिए दवा खानी चाहिए।

यह अध्ययन 'द जर्नल ऑफ क्लीनिकल बायोकैमेस्ट्री' में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में शामिल सर गंगाराम अस्पताल की डॉक्टर सीमा भार्गव कहती हैं कि हमें भारतीय परिप्रेक्ष्य से अध्ययन करने की जरूरत थी, ताकि इस विषय को लेकर चल रहे असमंजस से पर्दा उठाया जा सके। नसों में ब्लॉकेज हृदय आघात के साथ साथ ब्रेन स्ट्रोक की वजह बनता है। ऐसे में जिन लोगों के शरीर में विटामिन बी-12 की कमी है वे अपना खान पान बेहतर कर इसकी कमी दूर कर सकते हैं।

इस अध्ययन में 200 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें 100 ऐसे लोग थे जिन्हें पहले से ही ब्लॉकेज की समस्या थी और 100 ऐसे लोग थे जो पूरी तरह से स्वस्थ थे। बीमार लोगों में बी-12 सप्लीमेंट्स दिया गया। अध्ययन में पाया गया कि दवा के प्रयोग के बाद उनके शरीर में बी-12 का स्तर बढ़ गया, जबकि सामान्य लोग जिन्हें दवा नहीं दी गई, उनमें बी-12 का स्तर घट गया। डॉक्टर भार्गव ने कहा कि शाकाहारी जीवन की वजह से भारत में इसकी संख्या ज्यादा है।

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