68 फीसद टीनएजर्स मिटा देते हैं अपनी इंटरनेट हिस्ट्री- क्यों पढ़े खबर
दिल्ली में 68 फीसद बच्चे अपने माता-पिता से अपनी ऑनलाइन गतिविधियां छिपाते हैं। ये खुलासा हुआ है इंटेल सिक्योरिटी ग्रुप की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में। इस सर्वेक्षण में दिल्ली के 1182 बच्चे शामिल थे।
नई दिल्ली। दिल्ली में 68 फीसद बच्चे अपने माता-पिता से अपनी ऑनलाइन गतिविधियां छिपाते हैं। ये खुलासा हुआ है इंटेल सिक्योरिटी ग्रुप की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में। इस सर्वेक्षण में दिल्ली के 1182 बच्चे शामिल थे।
सर्वेक्षण में सामने आया है कि दिल्ली में ऑनलाइन गतिविधियों में सक्रिय 30 फीसद बच्चे प्राइवेसी सेटिंग का इस्तेमाल करते हैं। 44 फीसद बच्चे अपनी ब्राउसर हिस्ट्री को मिटा देते हैं और 26 फीसद बच्चे ऑनलाइन गतिविधियों के लिए लैपटाप के बजाये मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं।
आठ से 16 साल की उम्र के बच्चों पर हुए सर्वेक्षण में 91 फीसद बच्चों ने बताया कि वे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सक्रिय हैं। इसी तरह सर्वेक्षण में शामिल 65 फीसद बच्चों ने बताया कि उन्होंने अपने फोटो, 50 फीसद बच्चों ने अपना इमेल और 37 फीसद ने अपने स्कूल का नाम व नंबर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर डाला है।
ऑनलाइन हुए इस अध्ययन में ये भी पता चला है कि 50 फीसद बच्चे सोशल नेटवर्किंग के लिए बदले हुए नाम व उपनामों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 63 फीसद बच्चों ने किसी न किसी को ब्लॉक किया हुआ है।
अध्ययन में सबसे चौकाने वाली बात ये सामने आई है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय दिल्ली के 53 फीसद बच्चों को अनुचित व्यवहार व 33 फीसद बच्चों को साइबर बुलिंग का दर्द भी ङोलना पड़ा है।
इंटेल सिक्योरिटी एशिया पैसेफिक कन्ज्यूमर मार्केटिंग के निदेशक मेलाने ड्यूका ने बताया कि ये अध्ययन पांच साल से लगातार सालाना आधार पर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि अब समय आ गया है कि बच्चों और अभिभावकों के बीच खत्म होते संवाद को फिर से मजबूत बनाया जाए।
इसके अलावा जिस तरह से बच्चों की सक्रियता सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बढ़ रही है और वे ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, उन्हें इंटरनेट सुरक्षा संबंधी उपायों के विषय में जागरूक करना चाहिए।