कल से हाइड्रोजन सीएनजी से चलने वाली 50 बसें दौड़ेंगी
राजधानी में प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसें जल्द ही हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस) से दौड़ेंगी। वर्तमान में डीटीसी और क्लस्टर बसें सीएनजी से चलती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत दिल्ली में बसों में एचसीएनजी का प्रयोग पहली बार होगा। दिल्ली में पहला हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन बन कर तैयार हो गया है। यह हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन राजघाट स्थित क्लस्टर डिपो में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया गया है। इसका
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी में प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए मंगलवार से हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलने वाली 50 क्लस्टर बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। वर्तमान में डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपारेशन) और क्लस्टर बसें सीएजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत दिल्ली में बसों में हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस) का प्रयोग पहली बार हो रहा है। दिल्ली में पहला हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। यह स्टेशन राजघाट स्थित क्लस्टर डिपो में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया गया है। इसका उद्घाटन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत करेंगे।
हाइड्रोजन सीएनजी के प्रयोग के पहले चरण में क्लस्टर की 50 बसों को 6 महीने तक दिल्ली की सड़कों पर चलाया जाएगा। ट्रायल के तौर पर बसों में 6 महीने तक प्रयोग की जाने वाली हाइड्रोजन-सीएनजी की रिपोर्ट की सुप्रीम कोर्ट समीक्षा करेगा। क्लस्टर बसों में हाइड्रोजन सीएनजी का परीक्षण सफल रहने के बाद अन्य बसों में भी हाइड्रोजन सीएनजी ईंधन का प्रयोग किया जाएगा। इस नए वाहन ईंधन के प्रयोग से यह पता लगाया जाएगा कि प्रदूषण के स्तर को कम करने में कितनी मदद मिल सकती है और यह सीएनजी से कितना बेहतर साबित हो सकता है। बताते चलें कि सीएनजी का मुख्य स्त्रोत मीथेन गैस है, जबकि हाइड्रोजन-सीएनजी का मुख्य स्त्रोत कई गैसों का मिश्रण है। जिसमें 4-9 फीसद हाइड्रोजन गैस होती है। इसे ईंधन के रूप में प्रयोग करने के लिए कम्प्रेस्ड किया जाता है। मिश्रित ईधन में 18 फीसद हाइड्रोजन और 82 फीसद सीएनजी होगी।