यही रहा हाल तो दिल्ली में हर वर्ष 26 हजार लोग बेमौत मरेंगे
प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 2050 तक प्रतिवर्ष 66 लाख जानें जा सकती हैं। मौजूदा दौर में प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण से दुनिया भर में 33 लाख लोग असमय मौत का शिकार होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक दिल्ली में प्रतिवर्ष 26,600 असामयिक मौतों की आशंका व्यक्त की गई
नई दिल्ली। प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 2050 तक प्रतिवर्ष 66 लाख जानें जा सकती हैं। मौजूदा दौर में प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण से दुनिया भर में 33 लाख लोग असमय मौत का शिकार होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक दिल्ली में प्रतिवर्ष 26,600 असामयिक मौतों की आशंका व्यक्त की गई है।
यह रिपोर्ट जर्मनी के मैक्स प्लेंक इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री के प्रो. जोहान लेलिवेल्ड और उनके शोध दल ने तैयार की है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण फैलने के दो प्रमुख कारण बताए गए हैं।
एक पीएम2.5एस नामक विषाक्त कण और दूसरा वाहनों से निकलने वाली गैस नाइट्रोजन ऑक्साइड। रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में भारत और चीन में वायु प्रदूषण की समस्या विशेष तौर पर गहरा सकती है।
इसमें बताया गया है कि भारत और चीन में खाना पकाने के कारण जलने वाले कच्चे ईंधन से स्थानीय स्तर पर सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है। वहीं अमेरिका और अन्य विकसित देशों में वाहन व बिजली बनाने वाले संयंत्रों से सबसे अधिक उत्सर्जन होता है।
यूरोप में कृषि के कारण वातावरण में विषाक्त कण मिलते हैं। प्रो. लेलिवेल्ड कहते हैं भारत, चीन में घरों में कच्चा ईंधन हालांकि बहुत छोटे स्तर पर इस्तेमाल होता है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल अधिकांश आबादी करती है तो प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है।