Delhi Chicken Price Today: चिकन खाने के लिए शौकीनों के लिए राहत की खबर, घट गए हैं दाम
Delhi Chicken Price Today जो लोग महंगाई का रोना रो रहे हैं वे देश की सबसे बड़ी गाजीपुर चिकन मंडी का रुख कर सकते हैं। यहां पर 85 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चिकन खरीदकर उसे खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले चिकन के शौकीनों के लिए राहत भरी खबर आ रही है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में चिकन के दामों में भारी कमी आई है। ऐसे में जो लोग महंगाई का रोना रो रहे हैं, वे देश की सबसे बड़ी गाजीपुर चिकन मंडी का रुख कर सकते हैं। यहां पर 85 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चिकन खरीदकर उसे खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।
दरअसल, पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर मंडी में मुर्गों के दामों में भारी गिरावट आई है। पिछले कुछ दिनों के दौरान ही गाजीपुर मंडी में मुर्गा 30 रुपये प्रति किलो तक सस्ता हो गया है, लेकिन सस्ता होने के बावजूद इसकी बिक्री प्रभावित हुई है। कहा जा रहा है कि ऐसा नवरात्र पर्व शुरू होने के चलते हुआ है। अनुमान के मुताबिक, जिस गाजीपुर मुर्गा मंडी से दिल्ली-एनसीआर के अलावा इससे सटे राज्यों में रोजाना 5 लाख मुर्गों को आपूर्ति होती है, वहां पर यह संख्या आधी की करीब यानी ढाई लाख आ गई है। फिलहाल गाजीपुर में मुर्गा 80 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास आ गया है। यह स्थिति हरियाणा और यूपी की भी है। दिल्ली से सटे शहरों में भी मुर्गा 80 रुपये प्रति किलो के आसपास ही मिल रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के गाजीपुर मंडी में चिकन रेट 80 रुपये किलो के करीब है। कुछ दिन पहले तक यही चिकन 105 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। जानकारों का मानना है कि नवरात्र शुरू होने के साथ ही मुर्गे-चिकन की कीमत में गिरावट आती है। ऐसा हर साल होता आया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों के दौरान चिकन का दाम 80 रुपये प्रति किलो से नीचे भी आ सकता है, लेकिन नवरात्र खत्म होने के बाद इसकी कीमतों में इजाफा होने के पूरे आसार हैं। ऐसे में आप चाहें तो महंगाई के जमाने में सस्ता चिकन गाजीपुर मंडी या फिर अन्य जगहों से खरीद सकते हैं।
इससे फरवरी, 2020 में कोरोना वायरस को लेकर अफवाह के चलते घरेलू बाजार में चिकेन की खपत 50 फीसद तक घट गई थी। इसका असर यह हुआ था कि कीमतें 70 फीसद तक घट गई थीं। इनकी बिक्री में 40 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई थी। दरअसल, अफवाह और दहशत के चलते लोगों ने चिकेन खाने से दूरी बना ली थी, जिससे कीमतें 70 फीसद तक घट गई थी।