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Delhi Kisan Andolan : 200 किसानों के लिए प्रदर्शन स्थल पर लगाया गया टेंट, शाम 5 बजे के बाद वापस लौटे धरना स्थल

Delhi Kisan Andolan LIVE सिंधु बॉर्डर से जंतर मंतर पहुंचे 200 किसानों के लिए प्रदर्शन स्थल पर टेंट भी लगाया गया है। लगातार दूसरे दिन संसद की तरह किसान संसद की कार्यवाही चलाई जा रही है। अपने बीच से एक व्यक्ति को सरकार का प्रतिनिधि बनाया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 04:00 PM (IST)
Delhi Kisan Andolan LIVE: जंतर मंतर पर आज भी चली किसान संसद, 26 जुलाई को प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगीं महिलाएं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को भी जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन हुआ। सिंधु बॉर्डर से जंतर मंतर पहुंचे 200 किसानों के लिए प्रदर्शन स्थल पर टेंट भी लगाया गया। लगातार दूसरे दिन संसद की तरह किसान संसद की कार्यवाही चली। अपने बीच से एक व्यक्ति को सरकार का प्रतिनिधि बनाया, जिससे कृषि कानूनों पर सवाल पूछे गए, किसानों के आंदोलन के दौरान सेंट्रल दिल्ली और आसपास के इलाकों में काफी संख्या में पुलिस मुस्तैद रही। शाम को 5 बजे किसान बसों से वापस अपने धरना स्थल की ओर वापस लौट गए।

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इससे पहले बृहस्पतिवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने आने से पहले 200 प्रदर्शनकारियों की सिंघु बॉर्डर पर जांच की गई। उनके आइडी कार्ड जांच कर और वाहनों की तलाशी लेने के बाद ही उन्हें दिल्ली में प्रवेश दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया शुक्रवार को भी अपनाए जाएगी। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि आगामी 26 जुलाई और 9 अगस्त को प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाएं करेंगीं। इस दौरान, जंतर-मंतर पर संसद की तरह कार्यवाही चलाई जाएगी, जहां पर तीन चरणों में चर्चा हुआ करेगी। प्रदर्शन के लिए हर दिन छह मंडलीय सदस्य नियुक्त किए जाएंगे, इन्हीं में से स्पीकर और डिप्टी स्पीकर बनाया जाएगा।

दरअसल, बृहस्पतिवार को 11 बजे प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पहुंच कर प्रदर्शन शुरू कर देना था, लेकिन वह हरियाणा के कुंडली से ही देरी से चले। इस वजह से वह सिंघु बॉर्डर पर ही सवा दस बजे के बाद पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद सिंघु बॉर्डर के एक रिसोर्ट में उनको ले जाया गया। प्रदर्शनकारी दो इनोवा, एक एंडेवर, एक फॉर्च्यूनर समेत चार बसों में सवार होकर जंतर-मंतर के लिए रवाना हुए थे। बख्तावरपुर मोड़ के पास इंजन गर्म होने से एक बस खराब हो गई थी। हालांकि, 15 मिनट बाद बस को ठीक कर रवाना कर दिया गया।

वाहनों की तलाशी के बाद प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में दिया गया प्रवेश

जंतर-मंतर पर 200 लोगों के प्रदर्शन की अनुमति मिलने के बाद सिंघु बार्डर से बसों में सवार होकर आए प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान, उन्होंने संसद की तरह कार्यवाही चलाते हुए इसे किसान संसद का नाम दिया। इसमें संसद की तरह स्पीकर और डिप्टी स्पीकर बनाए गए थे। पहले दिन मंडियों को खत्म करने का आरोप लगाते हुए चर्चा हुई। तीन चरण में हुई चर्चा में 45 प्रदर्शनकारियों ने अपनी राय रखी। यह चर्चा शुक्रवार को भी जारी रहेगी, फिर प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

केरल के कांग्रेस, सीपीएम और आरएसपी के 23 सांसदों ने जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। शाम पांच बजे जिन बसों व वाहनों से प्रदर्शनकारियों को लाया गया था, उन्हीं से उन्हें पुलिस सुरक्षा के बीच वापस सिंघु बार्डर भेज दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि वे यहां 13 अगस्त तक प्रदर्शन करेंगे। उन्हें फिलहाल नौ अगस्त तक ही प्रदर्शन की अनुमति मिली है, लेकिन वे इसे आगे बढ़ाने की अपील करेंगे। इस दौरान, जंतर-मंतर पर संसद की तरह कार्यवाही चलाई जाएगी, जहां पर तीन चरणों में चर्चा हुआ करेगी। प्रदर्शन के लिए हर दिन छह मंडलीय सदस्य नियुक्त किए जाएंगे, इन्हीं में से स्पीकर और डिप्टी स्पीकर बनाया जाएगा।

पहले दिन शिवकुमार कक्का, हनन मौला, रमिंद्र पटियाला, योगेंद्र यादव, मंजीत राय और हरमीत कालका को किसान संसद का स्पीकर व डिप्टी स्पीकर बनाया गया। प्रदर्शनकारियों ने अंदेशा जताया कि जैसे इजरायली साफ्टवेयर से लोगों की जासूसी की बात सामने आ रही है हो सकता है उनकी भी जासूसी हो रही हो। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब तक जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्हें भी वापस लिया जाए।

प्रदर्शनकारियों का हुड़दंग

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के पहले दिन कई प्रदर्शनकारी अपनी गाड़ियों से भी पहुंचे थे। इस दौरान न सिर्फ यातायात नियमों की धज्ज्यिां उड़ाई गईं, बल्कि गाड़ी के दरवाजे पर बैठ कर हुड़दंग भी किया गया। यह लोग दरवाजे पर बैठ कर सेल्फी भी ले रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हुड़दंग को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वह शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

मीनाक्षी लेखी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को लेकर प्रदर्शनकारियों ने निंदा प्रस्ताव पारित किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें लेखी ने मवाली कहा है, जो कि निंदनीय है। कहा कि यदि हम मवाली हैं तो हमारे द्वारा उपजाए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए।

आठ माह से हम दिल्ली के बार्डर पर बैठे थे और दिल्ली में आने की मांग कर रहे थे। आठ माह बाद सरकार ने हमें किसान माना है। यह हमारी जीत है। हम संसद चलाना जानते हैं। संसद में जो लोग बैठे हैं, वे चाहे पक्ष के हों या विपक्ष के, अगर वे हमारी आवाज नहीं उठाएंगे तो हम उनके संसदीय क्षेत्रों में जाकर आवाज उठाएंगे। -राकेश टिकैत, नेता, भाकियू

किसान संसद के जरिये हमने दिखा दिया है कि आंदोलन अब भी जीवंत है। हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे। हालांकि, गणतंत्र दिवस की घटना को देखते हुए हमने कम संख्या में एकत्र होने का फैसला लिया है।

-शिव कुमार कक्का, नेता, संयुक्त किसान मोर्चा

आज दूसरे देशों में तीन कृषि कानूनों को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन भारत में यह चर्चा नहीं हो रही। भारत की संसद को भी यह चर्चा कर इन्हें वापस लेना चाहिए। पहले दिन हमें न जाने कहां-कहां घुमाकर लाया गया। इससे हमारा कार्यक्रम एक घंटे देरी से शुरू हुआ। -योगेंद्र यादव, नेता, संकिमो


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