अदालत के आदेश के बावजूद घर नहीं पहुंच सके लव-कुश
पीएफए कर्मी 30 जनवरी को लव और कुश को अपने साथ ले गए थे। उनका आरोप था कि दोनों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पालतु एक वायरस से पीड़ित हैं और यह जानवराें के डाक्टर की रिपोर्ट से पता चला है।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। लव-कुश के साथ क्रूरता का आरोप लगाते हुए गैर सरकारी संगठन पीपुल फार एनिमल्स (पीएफए) के कर्मी उन्हें अपने साथ ले गए। मामला जब अदालत में पहुंचा तो आदेश हुआ कि लव-कुश को वापस उनके घर पहुंचाया जाए और उनका किस तरह से ध्यान रखा जा रहा है, इसकी रिपोर्ट केस खत्म होने तक माह में दो बार अदालत में दाखिल करें। लेकिन पीएफए ने इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया और इसके कारण लव-कुश अपने घर नहीं पहुंच सके।
लव और कुश असल में गोल्डन रिट्रीवर नस्ल के दो पालतु कुत्ते हैं। उन्हें वापस पाने के लिए फिरोजशाह रोड निवासी कारोबारी आनंद कुमार ने अधिवक्ता तरुण राणा के मार्फत पटियाला हाउस कोर्ट में केस दायर किया था। जिस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने 25 फरवरी को कुमार के हक में फैसला दिया था। इस आदेश को न मानने के चलते बुधवार को अदालत में अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि डीसीपी सेंट्रल को अदालत के आदेश लागू कराने का आदेश दिया जाए। इस अवमानना याचिका पर फिलहाल सुनवाई नहीं हुई है।
30 को ले गए थे लव-कुश
पीएफए कर्मी 30 जनवरी को लव और कुश को अपने साथ ले गए थे। उनका आरोप था कि दोनों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पालतु एक वायरस से पीड़ित हैं और यह जानवराें के डाक्टर की रिपोर्ट से पता चला है। जबकि आनंद कुमार का कहना था कि वे लव-कुश को बेहद प्यार से रखते हैं। उनके लिए 400 वर्ग फुट का एक कमरा अलग से है और देखभाल के लिए एक नौकर भी है। पुलिस ने भी अदालत में दायर अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आनंद कुमार कानूनी तौर पर लव-कुश के मालिक हैं। इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कुमार को लव-कुश सौंपने के लिए कहा था।
पुलिस की मौजूदगी में किया इन्कार
25 फरवरी को दिए गए अदालत के आदेश लागू करवाने के लिए बाराखंभा थाना पुलिस आनंद कुमार के साथ जब 26 फरवरी को राजा गार्डन स्थित पीएफए के संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर से लव-कुश को लाने के लिए गई, तो वहां के कर्मचारियों ने आदेश मानने से इन्कार कर दिया। अधिवक्ता तरुण राणा ने बताया कि आदेश न मानने के कारण उन्होंने अवमानना याचिका दायर की है, जिसमें डीसीपी नई दिल्ली को निर्देश देने की मांग की गई है।