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Coronavirus Vaccination को लेकर लोगों में जागरुकता के अभाव ने बढ़ाई परेशानी

नियमानुसार सुबह नौ बजे से तीन बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद केंद्र पर आए लोगों को ही टीका लगाया जाएगा। ऑनलाइन समस्या आने के कारण ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या बढ़ गई है।ऐसे में दोनों श्रेणी के लोगों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 09:24 PM (IST)
डॉ सुनील सुम्बली, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों के टीकाकरण कराने के बाद लोगों में वैक्सीन को लेकर विश्वास बढ़ा है और नतीजा यह है कि लोग अब भारी तदाद में टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे है। लोगों के उत्साह को चिकित्सकों व प्रशासन ने काफी सराहा है, पर को-विन पोर्टल का सर्वर डाउन होने के कारण टीकाकरण उम्मीद से काफी कम हो रहा है। पोर्टल के सर्वर डाउन के कारण लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने में काफी परेशानी हो रही है और वे ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आगे आ रहे हैं।

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सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशानुसार दोपहर तीन बजे से पांच बजे तक ही केंद्रों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करने के साथ टीकाकरण किया जा रहा है। पर जानकारी के अभाव में लोग सुबह से ही केंद्रों पर पहुंच जाते हैं और टीका नहीं लगाने पर इसका विरोध करते है। इसके कारण अस्पताल में व्यवस्था को बनाए रख पाना अस्पताल प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है। ये समस्या निजी व सरकारी दोनों ही केंद्रों पर देखने को मिल रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि वे लोगों को नियमों से अवगत करें।

नियमानुसार सुबह नौ बजे से तीन बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद केंद्र पर आए लोगों को ही टीका लगाया जाएगा। पर ऑनलाइन समस्या आने के कारण ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में दोनों श्रेणी के लोगों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा 45-59 उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों का कहना है कि टीका लगवाने के लिए उनका मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य है। पर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए चिकित्सक उनसे 500 से एक हजार रुपये कीमत ले रहे हैं।

इस पर चिकित्सकों का कहना हैं कि मेडिकल सर्टिफिकेट ऑनलाइन उपलब्ध है। लोगों को उसे ही प्रिंटआउट कराने के बाद चिकित्सकों से भरवाकर लाना है। अधिकांश मरीज जानकारी के अभाव में अपना चिकित्सीय परामर्श पर्चा लेकर आ रहे है, पर उसे मान्यता नहीं दी जा रही है। इसके अलावा सीजीएचएस कार्ड प्राप्त कर्मचारियों के मन में कई तरह के संशय है। इन्हें दूर करना जरूरी है। कई ऐसे बुजुर्ग व गंभीर मरीज हैं, जो चाहते है कि उन्हें घर बैठे ही टीका लगाया जाए। पर फिलहाल इसको लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं है।

मेडिकल सर्टिफिकेट के पीछे सरकार का उद्देश्य मात्र संतुष्टि करना हैं कि जिस श्रेणी के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है वहीं उसका लाभ उठा सकें। गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए टीके की मात्रा पर कोई अलग नहीं है। चाहे व्यक्ति सामान्य हो या गंभीर बीमारी से ग्रस्त सभी को 0.5 मिलीलीटर का ही डोज लगाया जाता है।

डाॅ. सुनील सुम्बली, चिकित्सा अधीक्षक, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट


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