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निलंबित दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने बहाली के लिए राष्ट्रपति को लिखा पत्र

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के निलंबित कुलपति प्रो योगेश कुमार त्यागी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा को लेकर उनके खिलाफ चल रही जांच नियमों के खिलाफ है। इसलिए निलंबन तत्काल रद कर उन्हें बहाल करें।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:50 PM (IST)
11 मार्च को खत्म हो रहा है डीयू कुलपति का कार्यकाल, चांसलर नॉमिनी ने भी की निलंबन वापसी की मांग।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के निलंबित कुलपति प्रो योगेश कुमार त्यागी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा को लेकर उनके खिलाफ चल रही जांच नियमों के खिलाफ है। इसलिए निलंबन तत्काल रद कर उन्हें बहाल करें। पत्र में इशारों इशारों में डीयू में हुई अधिकारों की लड़ाई के पीछे मंत्रालय के कुछ लोगों के शामिल होने की बात भी कही गई है। 

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राष्ट्रपति ने अक्टूबर 2020 में कुलपति को निलंबित कर दिया था। निलंबन के 120 दिन बाद प्रो त्यागी ने यह पत्र लिखा है। वहीं डीयू कार्यकारी परिषद में चांसलर नॉमिनी राजकुमार भाटिया ने भी राष्ट्रपति द्वारा गठित जांच कमेटी को पत्र लिखकर निलंबन वापस लेने की गुजारिश की है। दैनिक जागरण से बातचीत में राजकुमार भाटिया ने पत्र लिखने की पुष्टि की।

कुलपति ने लिखा है कि मंत्रालय के अधिकारी उन नियमों को स्पष्ट करने में असमर्थ रहें है जिनके तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जिस सेक्शन 7 ए का हवाला देकर कार्रवाई की गई वह दरअसल कुलपति को राष्ट्रपति संग संचार की इजाजत देता है। उन्हें विवि से दूर नहीं किया जा सकता। हालांकि प्रो त्यागी पूर्व की घटनाओं के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखते हैं कि जांच के बाद भी उनकी विवि की सेवा में कोई दिलचस्पी नहीं है।

सनद रहे कि दिल्ली विश्वविद्यालय गत वर्ष अक्टूबर माह में अधिकारों को लेकर विवाद उपजा था। कुलपति ने कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी की जगह प्रो गीता भट्ट एवं कुलसचिव पद पर प्रो पीसी झा की नियुक्ति की थी। इस बीच कार्यवाहक कुलपति ने कुलसचिव पद पर डॉ विकास गुप्ता की नियुक्ति कर दी थी। मामला बाद में राष्ट्रपति तक पहुंचा था। 


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