दिल्ली में 102 स्कूलों ने किया शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
delhi nursery admission 2021-22 आवेदन प्रकिया खत्म होने में अब केवल तीन दिन शेष हैं। अभी तक 102 स्कूलों ने शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दाखिला मानदंड नहीं अपलोड किए हैं। इन स्कूलों ने शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करते हुए दाखिला प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली के 1725 निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया 18 फरवरी से शुरू हो गई है। 17 फरवरी तक सभी स्कूलों को आवदेन प्रक्रिया शुरू होने से पहले शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दाखिला मानदंड अपलोड करने थे। आवेदन प्रकिया खत्म होने में अब केवल तीन दिन शेष हैं। अभी तक 102 स्कूलों ने शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दाखिला मानदंड नहीं अपलोड किए हैं। इन स्कूलों ने शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करते हुए दाखिला प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। स्कूलों नर्सरी, केजी और कक्षा 1 में दाखिले के लिए 100 अंको के आधार पर दाखिला मानदंड तैयार करते हैं।
इन दाखिला मानदंडों में कोई निजी स्कूल हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबंधित नियमों के आधार पर दाखिला न दे इसके लिए स्कूलों को शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर दाखिला मानदंड अपलोड करना होता है। जिस पर निदेशालय के अधिकारी ये देखते हैं कि कौन से स्कूल किन प्रतिबंधित दाखिला मानदंडो के आधार पर दाखिला ले रहे हैं। बाद में ऐसे स्कूलों पर निदेशालय कार्रवाई करता है। लेकिन इस साल भी कई स्कूलों ने हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबंधित दाखिला मानदंडो के आधार पर दाखिले के आवेदन पत्र भरवाएं हैं।
हालांकि, निदेशालय ने अब तक हाईकोर्ट के नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। सिर्फ इतना ही नहीं दिन स्कूलों ने अभी तक दाखिला मानदंड शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अभी तक अपलोड नहीं किेए हैं उन पर भी निदेशालय ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
शिक्षा निदेशालय के निजी स्कूल शाखा के सहायक शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह से जब शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर दाखिला मानदंड न अपलोड करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि निदेशालय की प्राथमिकता पर डीडीए की जमीन पर बने नामी निजी स्कूल हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों ने अभी तक दाखिला मानदंड नहीं अपलोड किए हैं उनमें डीडीए की जमीन पर बने किसी नामी निजी स्कूल का नाम नहीं है। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि जो निजी स्कूल डीडीए की जमीन पर नहीं बने हैं क्या वो शिक्षा निदेशालय की प्राथमिकता नहीं हैं तो योगेश ने जवाब नहीं दिया।