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हर तीन किलोमीटर पर बनाए जाएंगे स्मार्ट चार्जिग स्टेशन, फास्ट चार्ज होने से लोगों का बचेगा समय

उत्तरी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने बताया कि इससे संबंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद स्मार्ट चार्जिग स्टेशन स्थापित करने का रास्ता खुल गया है। गोस्वामी ने बताया कि चार्जिग स्टेशन पेट्रोल पंप के आस-पास होंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 04:21 PM (IST)
नगर निगम ने हर तीन किलोमीटर क्षेत्र में स्मार्ट चार्जिग स्टेशन बनाने का फैसला लिया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में इलेक्टिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। नगर निगम ने हर तीन किलोमीटर क्षेत्र में स्मार्ट चार्जिग स्टेशन बनाने का फैसला लिया है। यहां पर न केवल ई-वाहनों को चार्ज किया जा सकेगा, बल्कि उनको चार्जिग करने में भी कम समय लगेगा।

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प्रस्ताव को स्थाई समिति से मिली मंजूरी

उत्तरी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने बताया कि इससे संबंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद स्मार्ट चार्जिग स्टेशन स्थापित करने का रास्ता खुल गया है। गोस्वामी ने बताया कि यह चार्जिग स्टेशन दिल्ली की सड़कों के किनारे के साथ पेट्रोल पंप के आस-पास होंगे। उन्होंने बताया कि इन स्टेशन पर तेज गति से बैट्री को चार्ज करने या फिर डिस्चार्ज हुई बैट्री के बदले चार्ज की हुई बैट्री लगाने की सुविधा होगी।

हर तीन किलोमीटर क्षेत्र पर इलेक्टिक वाहनों के चार्जिग स्टेशन होंगे स्थापित

स्थायी समिति के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-वाहनों को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। ऐसे में आने वाले समय में इन वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए निगम आगे होकर कार्य कर रहा है। इसे तहत ही हमने हर तीन किलोमीटर क्षेत्र पर इलेक्टिक वाहनों के चार्जिग स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि इन चार्जिग स्टेशन पर काफी हाउस भी बनाए जाएंगे, ताकि नागरिक इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

एनडीएमसी के डायरेक्टर-इन-चीफ पद को चुनौती

वहीं,  उत्तरी निगम (एनडीएमसी) की तरफ से डायरेक्टर-इन-चीफ (डीएनसी) पद को लेकर जारी की गई अधिसूचना को रद करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार, एनडीएमसी और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिका में दावा किया गया है कि स्टॉप-गैप व्यवस्था के रूप में बनाए गए इस पद को उद्देश्य पूरा होने के बाद भी समाप्त नहीं किया गया और निगम की तरफ से इसे विस्तार दिया जा रहा है। निगम के निर्वाचित सदस्य राकेश कुमार ने दलील दी है कि पद को स्थायी करने के लिए निगम को भर्ती नियम निर्धारित करने चाहिए थे।

अधिवक्ता सौम्या सिंह के माध्यम से याचिका दायर कर राकेश कुमार ने इस पद को विस्तार देने के संबंध में जारी की गई एक जनवरी, 2021 की अधिसूचना को रद करने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि अवैध रूप से सृजित पद के कारण निगम पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। उन्होंने भर्ती नियम तैयार करने के बारे में दिल्ली सरकार, यूपीएससी व निगम को निर्देश देने की मांग की है। 


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