गढ़मुक्तेश्वर में उफन रही गंगा, सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न; ग्रामीणों का सता रहा बाढ़ का डर
झमाझम बारिश के साथ ही बांध भरने पर पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ने से नदी उफान पर है जिससे खादर क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
गढ़मुक्तेश्वर [इमरान अली]। जलस्तर में बढ़ोतरी होने से गंगा में आए उफान के कारण खादर क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आने का खतरा मंडराया हुआ है। गंगा के पानी से होकर किसान चारा लाने को मजबूर हो गए हैं। अगर यहीं स्थिति रही तो किसी भी दिन गांवों में पानी पहुंच सकता है।
एडीएम ने किया दौरा दिया आवश्यक निर्देश
रविवार को एडीएम ने तहसील प्रशासन के अफसरों के साथ क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए। उत्तराखंड के पहाड़ों पर झमाझम बारिश के साथ ही बांध भरने पर पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ने से नदी उफान पर है, जिससे खादर क्षेत्र से जुड़े डेढ़ दर्जन गांवों में रहने वाले हजारों परिवारों को चौतरफा दिक्कत झेलने के साथ ही बाढ़ आने का डर भी सता रहा है।
ग्रामीण परेशान
खादर क्षेत्र के ग्रामीणों की धड़कन बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि उन्हें यह चिंता सता रही है कि अगर इसी तरह जलस्तर में इजाफा होता रहा तो फिर गंगा नदी में बाढ़ आने पर गांवों में पानी भरने से उनकी झोपड़ियां एवंं उनमें रखा घरेलू उपयोग का सामान भी बर्बाद हो जाएगा।
किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी
खादर क्षेत्र से जुड़े ग्राम इनायतपुर, अब्दुल्लापुर, मुकीमपुर, शाकरपुर, न्यामतपुर, गड़ावली, लठीरा, आरकपुर, नयाबांस, बख्तावरपुर, काकाठेर मंढैया, रेतावाली मंढैया में बाहरी छोर के साथ ही निचले रास्तों पर पानी भरने से किसानों को चौतरफा दिक्कत झेलनी पड़ रही हैं।
पशु चारा की किल्लत
रविवार को एडीएम जेएन यादव ने एसडीएम और तहसीलदार के साथ बाढ़ संभावित कई गांवों का दौरा कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गन्ना, धान, चारा और मौसमी हरी सब्जी की खेती में बड़े स्तर पर नुकसान होने के साथ ही सर्वाधिक किल्लत पशुओं के चारे को लेकर झेलनी पड़ रही हैं, क्योंकि जंगल में भरे करीब तीन फुट पानी से होकर चारा लाना पड़ रहा है।
फसलों को नुकसान
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सोलंकी और पूर्व प्रधान बब्लू का कहना है कि पानी भरने से फसलों में जल्द ही बीमारी फैलनी लगभग तय है। एडीएम जयनाथ यादव ने बताया कि जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है। बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों और अफसरों को अलर्ट किया गया है। अगर बाढ़ की स्थिति आती है तो उससे निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
बांधों से पानी छोड़ने का क्रम जारी
पहाड़ों पर बारिश के साथ ही टिहरी, हरिद्वार और बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने का क्रम जारी चलने से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही। बाढ़ नियंत्रण आयोग के सूत्रों का कहना है कि रविवार की दोपहर को टिहरी, हरिद्वार और बिजनौर बैराज से 35 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, जबकि शाम को गढ़-ब्रजघाट गंगा का जलस्तर समुद्र तल से 198.58 मीटर के निशान पर बह रहा है।