संशोधित : पूरक पोषक आहार सुविधा से पांच लाख लोग हुए लाभांवित
उन्होंने कहा कि संबंधित सीडीपीओ पूरक पोषण के सामान की तैयारी और वितरण की निगरानी का कार्य करेंगे और अपने क्षेत्र के तहत आने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों की परियोजना के वितरण कार्य की रिपोर्ट महिला और बाल विकास विभाग के मुख्यालय में तैनात उप निदेशक (समेकित बाल विकास सेवा) को प्रस्तुत देंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राजधानी के पांच लाख से अधिक लाभार्थियों ने दिल्ली सरकार के पूरक पोषक आहार सुविधा का लाभ उठाया है। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बुधवार को बुलाई एक समीक्षा बैठक में दी।
उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी 11 जिलों के 10,755 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाभार्थियों को उनके घर पर पूरक पोषक आहार पहुंचाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू किया है। अभी तक इससे करीब पांच लाख लोग लाभांवित हुए हैं। उन्होंने बताया कि महिला और बाल विकास विभाग के एसओपी के लागू होने के बाद, प्रत्येक महीने के हर पखवाड़े के तयशुदा सप्ताहांतों को पूरक पोषण आहार का वितरण निश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि हर पखवाड़े में 13 दिनों की पात्रता वाली पूर्ववर्ती टीएचआर (टेक होम राशन) की प्रणाली वाली सुविधा आगे भी बनी रहेगी। सभी संबंधित आंगनवाड़ी केंद्र, लाभार्थियों के घरों पर वितरण के कार्य को जारी रखेंगे।
गौतम ने कहा कि पूरक पोषण आहार के तहत 13 दिनों के लिए दी जाने वाली आहार सामग्री में एक बच्चे के लिए सादा गेहूं का दलिया (1300 ग्राम), काला चना (260 ग्राम), गुड़ (130 ग्राम), भुना काला चना (130 ग्राम) शामिल है। वहीं गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी उपरोक्त सामग्री दी जा रही है। हालांकि उनके लिए गेहूं की दलिया की मात्र उनके लिए 1690 ग्राम रखी गई है।
समीक्षा बैठक के दौरान गौतम ने निर्णय लिया कि दिल्ली की सभी समेकित बाल विकास परियोजनाओं को दो संकुलों (क्लस्टरों) में बांटा जाएगा। जिसके तहत 'ए' क्लस्टर में 48 परियोजनाएं और दूसरे 'बी' क्लस्टर में 47 परियोजनाएं हैं। इससे गैर सरकारी संगठनों को हर क्लस्टर के केंद्रों में घर ले जाने वाले राशन (टेक होम राशन) की आपूर्ति के लिए एक दिन की बजाय दो दिन का समय मिलेगा। क्लस्टर 'ए' में दक्षिण, दक्षिण पूर्व, पश्चिम, मध्य, उत्तर पश्चिम-एक, उत्तर पश्चिम-दो, उत्तर, उत्तर पूर्व, पूर्वी जिले और क्लस्टर 'बी'ं में दक्षिण पूर्व, दक्षिण पश्चिम, पश्चिम, मध्य, उत्तर पश्चिम-एक, उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्वी जिले शामिल हैं। बॉक्स
किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
गौतम ने कहा कि सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) को यह निर्देश दिया गया है कि विभागीय एसओपी के अनुरूप आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार का सामान समय से पूर्व उचित पैकिग में पहुंचे। उन्होंने कहा कि संबंधित सीडीपीओ पूरक पोषण के सामान की तैयारी और वितरण की निगरानी का कार्य करेंगे और अपने क्षेत्र के तहत आने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों की परियोजना के वितरण कार्य की रिपोर्ट, महिला और बाल विकास विभाग के मुख्यालय में तैनात उपनिदेशक (समेकित बाल विकास सेवा) को देंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।