कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी को लेकर दिल्ली सरकार-डीयू के बीच विवाद जारी, सिसोदिया ने लिखा पत्र
जीबी का गठन ना होने से इन सभी 28 कॉलेजों की प्रशासनिक एवं अकादमिक गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से करने में लगातार दिक्कतें आ रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी (जीबी) के गठन को लेकर रस्साकशी जारी है। दोनों की तरफ से एक साल से ज्यादा समय से इन कॉलेजों की जीबी के गठन को लेकर एक दूसरे को पत्र लिखने का सिलसिला जारी है। दोनों के बीच विवाद जारी है।
पिछले वर्ष 7 मार्च 2019 को सभी कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी की अवधि समाप्त हो गई थी। इसके बाद से लेकर अभी तक इन सभी कॉलेजों की जीबी का गठन अभी तक नहीं हुआ है। 28 कॉलेजों में से 12 कॉलेज दिल्ली सरकार से 100 फीसद वित्त पोषित हैं। वहीं 16 कॉलेज 5 फीसद तक दिल्ली सरकार से वित्त पोषित हैं।
हाल ही में इसी मई में दिल्ली सरकार ने फिर से सभी कॉलेजों की इन जीबी के नामों की सूची को डीयू प्रशासन को भेजा था। जिससे लग रहा था कि अब जल्दी ही कॉलेजों की जीबी का गठन सुनिश्चित हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगोश त्यागी को जल्द से जल्द इन सभी कॉलेजों के जीबी के गठन को लेकर पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में दिल्ली सरकार और डीयू प्रशासन के बीच बीते एक साल में लिखे गए पत्रों एवं घटनाक्रम का विवरण भी दिया है। उन्होंने पत्र में कुलपति से कहा है कि उन्हें लगातार इन सभी 28 कॉलेजों की भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें मिल रही हैं। जीबी का गठन ना होने से इन सभी 28 कॉलेजों की प्रशासनिक एवं अकादमिक गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से करने में लगातार दिक्कतें आ रही हैं।
सिसोदिया ने पत्र में लिखा है कि ऐसा लग रहा है कि डीयू प्रशासन के उच्चतम अधिकारियों की तरफ से इन भ्रष्टाचार करने वालों का बचाव करने की साजिश रच रहे हैं। वहीं इस मामले में डीयू प्रशासन ने आरोपों से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि डीयू प्रशासन इन सभी कॉलेजों की जीबी का गठन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में लगातार कदम उठाए गए हैं। जल्द ही इन सभी कॉलेजों की जीबी के गठन करने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।