मेट्रो स्टेशन पर छह माह में गई 16 लोगों की जान, आखिर क्यों बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति
इस वर्ष जुलाई तक राजधानी के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर आत्महत्या के 37 लोगों ने प्रयास किए इसमें 11 की जान चली गई जबकि 14 जख्मी हुए और 12 को सीआइएसएफ के जवानों ने बचा लिया।
नई दिल्ली (संतोष शर्मा)। दिल्ली में मेट्रो ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर सोमवार की सुबह 16 वर्षीय छात्रा ने मेट्रो के सामने कूदकर जान दे दी। घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। घटना के वक्त छात्र ट्यूशन के लिए निकली थी। छात्रा शक्ति नगर में रहती थी। उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। छात्र घंटाघर स्थित स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। सीआइएसएफ अधिकारी ने बताया कि छात्र जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-2 पर समयपुर बादली की ओर जाने वाली मेट्रो ट्रेन का इंतजार कर रही थी। सुबह 8.30 बजे जैसे ही मेट्रो प्लेटफार्म पर आई छात्रा ने उसके आगे छलांग लगा दी।
37 लोगों ने किए आत्महत्या के प्रयास
इस वर्ष जुलाई तक राजधानी के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर आत्महत्या के 37 लोगों ने प्रयास किए, इसमें 11 की जान चली गई, जबकि 14 जख्मी हुए और 12 को सीआइएसएफ के जवानों ने बचा लिया। इसके अलावा बात अगर सितंबर की करें तो इसमें 15 दिनों में छह लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसमें पांच की जान चली गई।
इस साल 16 लोगों ने मेट्रो के आगे दी जान
इस साल अब तक 16 लोग मेट्रो के आगे कूदकर अपनी जान गंवा चुके हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में पूरे वर्ष के दौरान मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या व आत्महत्या के प्रयास की 49 घटनाएं हुई थीं। इनमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ ही सुरक्षा एजेंसियां भी लगातार प्रयास कर रही हैं।
मानसिक और आर्थिक तनाव है आत्महत्या का कारण
राजधानी में होने वाली आत्महत्या की घटनाओं का प्रमुख कारण मानसिक व आर्थिक तनाव है। आवागमन का सुलभ साधन न होने के कारण बड़ी संख्या में लोग रोजाना मेट्रो में सफर करते हैं। ऐसे में निजी जीवन की समस्याओं से अवसाद में आए लोग मेट्रो का चुनाव करते हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि कई बार मेट्रो का इंतजार करते समय भी यात्रियों के मन में कुछ ऐसा विचार आ जाता है, जिससे वे आत्मघाती कदम उठाते हैं।