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17 लाख नए फ्लैट बनाने के लिए केंद्र सरकार खुद संभालेेगी मोर्चा, लैंड पूलिंग से सपना हो रहा साकार

20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर यह जोन विकसित होंगे। इस पॉलिसी के तहत भू-स्वामी जमीन के पूल बना सकते हैं और उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित कर सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 10:27 AM (IST)
17 लाख नए फ्लैट बनाने के लिए केंद्र सरकार खुद संभालेेगी मोर्चा, लैंड पूलिंग से सपना हो रहा साकार
17 लाख नए फ्लैट बनाने के लिए केंद्र सरकार खुद संभालेेगी मोर्चा, लैंड पूलिंग से सपना हो रहा साकार

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत 17 लाख नए आशियाने का आधार तैयार करने के लिए केंद्र सरकार अब खुद मैदान में उतरेगी। आशियाने बनाने वाले बिल्डरों को न केवल पॉलिसी के नफा-नुकसान से अवगत कराएगी, बल्कि उन्हें इसका हिस्सा बनने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। अगर सरकार अपने मकसद में सफल रही तो जल्द ही पॉलिसी के तहत फ्लैट बनाए जाने की योजना आगे बढ़ने लगेगी।

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एक सौ सेक्‍टरों में बंटे हैं पांच जोन

गौरतलब है कि 11 अक्टूबर, 2018 को अधिसूचित पांच जोनों एन, पी टू, के वन, एल और जे में विभक्त इस पॉलिसी को करीब एक सौ सेक्टरों में बांटा गया है। 20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर यह जोन विकसित होंगे। इस पॉलिसी के तहत भू-स्वामी जमीन के पूल बना सकते हैं और उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित कर सकते हैं।

डीडीए के पास छह हजार हेक्‍टेयर जमीन का पंजीकरण

जानकारी के मुताबिक इस पॉलिसी के तहत डीडीए के पास 6,407 हेक्टेयर जमीन का पंजीकरण हो गया है। जोन पी-2, एन, एल एवं के-1 में किसानों ने क्रमश: 1,248 हेक्टेयर, 3,268 हेक्टेयर, 229 हेक्टेयर व 1,691 हेक्टेयर भूमि पंजीकृत कराई है। जे जोन को फिलहाल डीडीए ठंडे बस्ते में डालकर चल रहा है।

आगे नहीं आ रहे बिल्‍डर

समस्या यह है कि डीडीए के पास जमीन तो आ गई, लेकिन इस जमीन पर फ्लैट तैयार करने के लिए बिल्डर आगे नहीं आ रहे हैं। बिना बिल्डरों के पॉलिसी पर आगे काम बढ़ना मुश्किल है। रियल एस्टेट में मंदी का दौर होने के कारण कोई बड़ा बिल्डर लैंड पूलिंग में पैसा फंसाना नहीं चाह रहा। उन्हें डर है कि कहीं फ्लैट बिकेंगे भी या नहीं। इसी समस्या को सुलझाने और पॉलिसी को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने स्वयं भी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। डीडीए ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ हाथ मिलाया है।

दोनों मिलकर ‘लैंड पूलिंग

बिल्डिंग इंडियाज कैपिटल’ शीर्षक से बिल्डरों संग एक संवाद का आयोजन कर रहे हैं। इस संवाद में तकरीबन 150 बिल्डरों को आमंत्रित किया गया है। इन्हें लैंड पूलिंग पॉलिसी के नफा-नुकसान बताने व उनके सवालों का जवाब देने के लिए वहां स्वयं केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उपराज्यपाल-सह-डीडीए अध्यक्ष अनिल बैजल उपस्थित रहेंगे।

कई लोग रहेंगे मौजूद

इनके अलावा डीडीए उपाध्यक्ष तरुण कपूर, फिक्की रियल एस्टेट कमेटी के अध्यक्ष संजय दत्त, डीडीए की योजना आयुक्त लीनू सहगल, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ विपुल रूंगटा, मगरपटटा टाउनशिप डेवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सतीश मगर भी मौजूद रहेंगे।

डीडीए के उपाध्‍यक्ष तरुण कपूर ने कहा कि फिक्की सभागार में शुक्रवार 13 सितंबर को होने वाले इस संवाद के जरिये बिल्डरों को इस पॉलिसी का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश है। उम्मीद है कि यह कोशिश सफल होगी और बिल्डरों की उलझनें भी दूर होंगी।

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