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... तो बदल जाएगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, दिल्ली-NCR के 50 लाख लोगों को होगा लाभ

मेट्रो के यहां आने और रेल कॉरिडोर के इससे जुड़ने से न केवल नोएडा गाजियाबाद के लोगों के लोगों को लाभ होगा बल्कि इससे हापुड़ और मेरठ के लोगों का भी आवागमन आसान हो जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 07:17 PM (IST)
... तो बदल जाएगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, दिल्ली-NCR के 50 लाख लोगों को होगा लाभ
... तो बदल जाएगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, दिल्ली-NCR के 50 लाख लोगों को होगा लाभ

गाजियाबाद, जेएनएन। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक मेट्रो फेज-तीन के पांच स्टेशनों की लोकेशन फाइनल हो गई है। रैपिड रेल कॉरिडोर से जोड़ने के कारण सिर्फ वसुंधरा सेक्टर-2 स्टेशन की लोकेशन तय होना बाकी है। इस कॉरिडोर पर तीन स्टेशन सड़क के बीचोंबीच बनेंगे। मेट्रो फेज-दो की तरह ज्यादा जगह न घिरे, उसका ख्याल रखा गया है। इन स्टेशन दोनों तरफ केवल सीढ़ियां बनाई जाएंगी। तीन स्टेशन सड़क किनारे बनेंगे। मेट्रो के यहां आने और रेल कॉरिडोर के इससे जुड़ने से न केवल नोएडा, गाजियाबाद के लोगों के लोगों को लाभ होगा, बल्कि इससे हापुड़ और मेरठ के लोगों का भी आवागमन आसान हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, इससे दिल्ली के साथ यूपी के कम से कम चार जिलों के 50 लाख से अधिक लोगों को सीधे लाभ होगा। इससे गाजियाबाद के लोग मजेंटा लाइन से सफर करने के लिए रेड लाइन के बजाय ब्लू लाइन की ओर रुख करेंगे। दोनों परियोजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या शामिल करें तो यह 50 लाख के आसपास पहुंचेगी। एक अनुमान के मुताबिक, रोजाना दिल्ली और एनसीआर के शहरों मसलन, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, ग्रेटर नोएडा के बीच तकरीबन 2 लाख लोग सफर करते हैं।

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मेट्रो फेज-तीन के पांच स्टेशनों की जगह हुई तय, एक पर मंथन जारी
नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से एनएच-9 क्रॉस करने के बाद 1.125 किलोमीटर दूर मोहननगर लिंक रोड पर पहला स्टेशन वैभवखंड बनाया जाएगा। ये ठीक नेशनल फूड लैबोरेट्री (खाद्य अनुसंधान एवं मानकीकरण प्रयोगशाला) के सामने बनेगा। शिप्रा सन सिटी, अहिंसाखंड और वैभवखंड के लोगों के लिए यही करीब होगा। दूसरा स्टेशन डीपीएस इंदिरापुरम होगा, जो निराला ईडन पार्क के ठीक सामने बनेगा। तीसरा स्टेशन शक्तिखंड बनेगा, ये गौड़ साई सेलेस्टियल और द ग्रैंड प्लाजा के बीच बनेगा। पास में एसटीपी भी है। यही तीन स्टेशन सड़क के बीच बनेंगे। इन्हें बनाने के जमीन खरीदने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ एंट्री और एग्जिट के लिए सीढ़ी बनाने को भूमि चाहिए होगी।

इसके बाद कॉरिडोर कनावनी पुलिया से पहले सड़क किनारे टर्न कर जाएगा। यहां से एलिवेटेड रोड के ऊपर से कॉरिडोर सड़क के किनारे-किनारे आगे जाएगा। चौथा स्टेशन वसुंधरा सेक्टर पांच होगा। जोकि, बुद्ध चौक से पहले गोल्ड प्लेट बैंक्वेट के सामने लिंक रोड पर करके कृषि भूमि पर बनाना प्रस्तावित है। पांचवां स्टेशन वसुंधरा सेक्टर-दो बनाया जाएगा। इसकी लोकेशन निर्धारित होनी है।

मूल डीपीआर में था कि शिवाजी भोंसले मार्ग (खुला मैदान) रोटरी से टर्न कर मदन मोहन मालवीय मार्ग (वैशाली-मोहननगर मार्ग) पर ग्रीन बेल्ट पर कॉरिडोर बनाया जाए। उसमें इस मार्ग पर भारत बैटरी कंपनी के सामने वसुंधरा की तरफ इस स्टेशन को बनाना प्रस्तावित किया था। रैपिड रेल के साहिबाबाद स्टेशन से इस स्टेशन को जोड़ना है। वसुंधरा सेक्टर-दो स्टेशन के लिए जगह पर मंथन चल रहा है। कॉरिडोर का अलाइनमेंट बदलने की संभावनाएं तलाशने को अध्ययन चल रहा है।

इस रूट पर जिन स्टेशनों की जगह तय हो गई है, उनमें छठा स्टेशन मोहननगर है। यह स्टेशन मेट्रो फेज-दो (दिलशाद गार्डन-शहीद स्थल न्यू बस अड्डा कॉरिडोर) के मोहननगर स्टेशन से थोड़ा पहले मदन मोहन मालवीय मार्ग पर बनाया जाएगा।

  • 3 स्टेशनों की दूरी एक किलोमीटर से कम
  • नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से वैभवखंड स्टेशन की दूरी 1.125 किलोमीटर
  • वैभवखंड से डीपीएस इंदिरापुरम स्टेशन की दूरी महज 777.7 मीटर
  • डीपीएस इंदिरापुरम से शक्तिखंड की दूरी 725.3 किलोमीटर
  • शक्तिखंड से वसुंधरा सेक्टर-पांच की दूरी 1.289 किलोमीटर
  • वसुंधरा सेक्टर पांच से सेक्टर दो स्टेशन की दूरी 1.377 किलोमीटर
  • वसुंधरा सेक्टर दो से मोहननगर स्टेशन की दूरी 880.5 मीटर


कंचन वर्मा (वीसी, जीडीए) के मुताबिक,  मेट्रो फेज-तीन के पांच स्टेशनों की लोकेशन पर सहमति बन चुकी है। केवल वसुंधरा सेक्टर-दो की लोकेशन बदलेगी। डीपीआर में मामूली संशोधन के बाद जमीन का इंतजाम होगा।  
 

  • यह मेट्रो कॉरिडोर 5.917 किलोमीटर लंबा होगा
  • कॉरिडोर बनाने के लिए 57279.7 वर्ग मीटर जमीन की जरूरत
  • स्टेशन बनाने के लिए 11333.9 वर्ग मीटर भूमि चाहिए
  • रनिंग कॉरिडोर के लिए 45945.8 वर्ग मीटर भूमि की जरूरत
  • ज्यादातर सरकारी भूमि उपलब्ध, 8110 वर्ग मीटर खरीदनी होगी

1866 करोड़ रुपये लागत
इस कॉरिडोर के निर्माण में 1866 करोड़ रुपये लागत का आंकलन किया गया है। डीपीआर में 1567.20 करोड़ रुपये की व्यवस्था राज्य सरकार के विभागों को करनी होगी। यह आर्थिक बोझ जीडीए, नगर निगम, आवास विकास परिषद और यूपीएसआइडीसी पर पड़ेगा। 274.80 करोड़ रुपये की फंडिंग केंद्र सरकार के पाले में आएगी।

  • इन स्टेशनों पर लगी मुहर
  • वैभवखंड
  • डीपीएस इंदिरापुरम
  • शक्तिखंड
  • वसुंधरा सेक्टर पांच
  • मोहननगर

चार जिलों को होगा फायदा

  • मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद और नोएडा के लोग मेट्रो के जरिये आसान से दिल्ली जा सकेंगे।
  • नोएडा के सेक्टर-63 इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन से वैभव खंड, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्ति खंड, वसुंधरा सेक्टर-5, वसुंधरा सेक्टर-2 और मोहन नगर तक जुड़ेंगे।
  • वसुंधरा सेक्टर-2 से वैशाली तक के सेक्शन पर साहिबाबाद तक आना होगा। यहां से रैपिड रेल के स्टेशन तक वॉकवे से जाकर रैपिड रेल के सहारे भविष्य में मेरठ और दिल्ली के सराय काले खां तक जा सकेंगे।

  • ग्रेटर नोएडा के निवासी एक्वा लाइन का सहारा लेते हुए सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन पर उतरेंगे। यहां से ब्लू लाइन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-63 के इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन होते हुए आगे का सफर तय कर सकेंगे।
  • रैपिड रेल कॉरिडोर और मेट्रो के चलने से नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ के लोगों का सफर काफी आसान हो जाएगा।
  • मेरठ के लोगों का दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। वह रैपिड रेल नेटवर्क से गाजियाबाद और दिल्ली से जुड़ेंगे और मेट्रो से नोएडा तक आ सकेंगे।

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