Move to Jagran APP

टिकट कटने से नाराज उदित ने थामा कांग्रेस का हाथ

टिकट कटने से नाराज उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद डॉ. उदित राज ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पार्टी बदलते ही उन्होंने भाजपा पर वार भी शुरू कर दिया है। उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए उसकी जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा को चुप रहने वाले दलित नेता चाहिए। वह अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते हैं। दलितों के हित में आवाज बुलंद करने के कारण उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 08:45 PM (IST)
टिकट कटने से नाराज उदित 
ने थामा कांग्रेस का हाथ
टिकट कटने से नाराज उदित ने थामा कांग्रेस का हाथ

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

loksabha election banner

टिकट कटने से नाराज उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद डॉ. उदित राज ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पार्टी बदलते ही उन्होंने भाजपा पर वार भी शुरू कर दिया है। उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए उसकी जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा को चुप रहने वाले दलित नेता चाहिए। वह अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते हैं। दलितों के हित में आवाज बुलंद करने के कारण उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया।

टिकट कटने की भनक लगते ही सोमवार शाम से उनके बागी तेवर सामने आने लगे थे। मंगलवार को जब उनकी जगह सूफी गायक हंसराज हंस को को टिकट मिला तो उन्होंने अपने समर्थकों की सलाह पर अगला कदम उठाने का एलान कर दिया था। बुधवार सुबह उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और दोपहर में विधिवत पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित व अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा टिकट वितरण में आंतरिक सर्वे का हवाला देती है। उसके इस सर्वे में उत्तर पश्चिमी दिल्ली को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट आई थी उसके बावजूद उनका टिकट काट दिया गया। उन्होंने कहा कि दलितों को कमजोर करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार के कानून का मैंने विरोध किया था इसलिए मेरा टिकट काट दिया गया।

उन्होंने कहा कि यदि वह चुप रहते तो उनका टिकट नहीं कटता। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को भाजपा 2014 में टिकट लायक नहीं समझी थी। वह अपना बॉयोडाटा लेकर उनके पास आए थे। टिकट नहीं मिलने पर वह चुप रहे और उन्हें पार्टी ने राष्ट्रपति बना दिया। यदि वह भी चुप रहते तो भाजपा उन्होंने प्रधानमंत्री भी बना सकती थी।

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मिलकर स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए वह सिर्फ प्रचार करेंगे। वह देशवासियों को बताएंगे कि भाजपा दलितों से कितना नफरत करती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.