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अतिक्रमण व जाम से कराह रहा चावड़ी बाजार

दिल्ली में व्यापारिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण चावड़ी बाजार इलाका जबरदस्त अतिक्रमण की जद में है। इस कारण इलाके में यातायात जाम की गंभीर समस्या है। यही कारण है कि यहां आने वाला प्रत्येक शख्स यहां आने से पहले जाम के कारण सोच में पड़ जाता है। इलाके में सड़क से लेकर फुटपाथ हर जगह रेहड़ी पटरी वालों का अतिक्रमण है। इस कारण यहां दोपहिया वाहन चालकों के साथ पैदल यात्री भी अपने समय की बर्बादी के साथ परेशानी का सामना करने को मजबूर हैं। इसे पुलिस व प्रशासन की सांठगांठ कहे या लापरवाही लेकिन आखिर में पीसना तो आम जनता को ही पड़ रहा है। लेकिन दोनों ही चुप्पी से यहां किसी अनहोनी की ¨चता किए बिना आराम फरमा रहे हैं। चावड़ी बाजार सीताराम बाजार अजमेरी गे

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 10:03 PM (IST)
अतिक्रमण व जाम से कराह रहा चावड़ी बाजार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पुरानी दिल्ली में व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चावड़ी बाजार इलाका अतिक्रमण की जद में है। इस कारण इलाके में जाम की गंभीर समस्या है। यही कारण है कि यहां आने वाला हर शख्स यहां आने से पहले जाम के कारण सोच में पड़ जाता है। यहां सड़क से लेकर फुटपाथ तक यानी हर जगह रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा रहता है। इस कारण यहां दोपहिया वाहन चालकों के साथ पैदल चलने वाले भी समय की बर्बादी के साथ परेशानी का सामना करने को मजबूर हैं। इसे पुलिस व प्रशासन की मिलीभगत कहें या लापरवाही, लेकिन आखिर में पिसना तो आम जनता को ही पड़ रहा है, लेकिन दोनों ही यहां किसी अनहोनी की ¨चता किए बिना आराम फरमा रहे हैं।

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चावड़ी बाजार, सीताराम बाजार, अजमेरी गेट रोड व सिरकीवालान आदि इलाकों की बात करें तो कुल मिलाकर यहां 50 हजार से अधिक दुकानें हैं। धातु, हार्डवेयर व सेनेट्री आदि के सामानों की खरीदारी के लिए मशहूर इन इलाकों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली के कोने-कोने व पड़ोसी राज्यों से भी खरीदार आते हैं। ऐसे में सुबह से शाम तक यह इलाका व्यापारियों व लोगों की चहल-पहल से गुलजार रहता है, लेकिन इलाके में अतिक्रमण के कारण लगने वाले जाम से बचने के चक्कर में दोपहिया वाहन तो दूर, पैदल यात्री भी जल्दबाजी में एक-दूसरे से टकरा जाते हैं। किसी-किसी मोड़ पर हालात इस कदर बने हुए हैं कि पैदल चलने वालों को भी जगह न मिलने पर बीच सड़क पर रुक कर जाम खुलने का इंतजार करना पड़ता है।

अतिक्रमण की जद में हौजकाजी चौक

इलाके में स्थित हौज काजी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण चौक है। सीताराम बाजार, अजमेरी गेट रोड, सिरकीवालान चौक, चावड़ी बाजार व नई सड़क आदि जैसे प्रमुख बाजारों के रास्ते यहीं आकर मिलते हैं। इस दृष्टि से यह चौक इस इलाके का सबसे मशहूर चौक भी है, लेकिन यह चौक जितना मशहूर है उतनी ही यहां की हालत बुरी है। सभी बाजारों में आसानी से पहुंचने के लिए इस चौक पर मेट्रो स्टेशन का गेट भी बना हुआ है, जो अतिक्रमणकारियों के लिए सड़क पर कब्जा करने का जरिया बन चुका है। लोगों ने मेट्रो स्टेशन के गेट के चारों ओर इस तरह से अतिक्रमण कर रखा है कि पीछे से आने वाले अन्य वाहनों की रफ्तार थम जाती है। ऐसे में यहां पर एक ही पल में लंबा व भयंकर जाम लग जाता है, जिससे सभी प्रमुख बाजारों के रास्ते पूरी तरह रिक्शे व लो¨डग वाहनों से भर जाते हैं। इस कारण जो जहां होता है वह वहीं ठहर जाता है। मेट्रो स्टेशन के चारों ओर वाहनों को रोककर लो¨डग व अनलो¨डग की जाती है। सामान को बिना किसी डर के बीच सड़क में रख दिया जाता है। उसे बाद में उठा लिया जाता है, लेकिन तब तक बाजार में पहुंचने वाला हर शख्स जाम के झाम का दर्द झेल चुका होता है। यह पूरे दिन जारी रहता है। इसी चौक पर आपको एक-दो जगह पर पुलिसकर्मी नजर तो आ जाएंगे, लेकिन फिर भी वे जाम खुलवाने में असमर्थ नजर आते हैं। यही कारण है कि यहां जाम के झाम का दंश पूरे दिन लोगों को झेलना पड़ता है। जाम में फंसकर आपको यहां आने वाले हर शख्स के मुंह से पुलिस व प्रशासन को कोसते हुए शब्द सुनने को मिल जाएंगे, लेकिन हर कोई मजबूरी में जाम में फंसकर अपना समय और ईधन बर्बाद कर चला जाता है। अगले दिन फिर से वही जाम लोगों के कोसने की वजह बन जाता है।

व्यावसायिक वाहनों की पार्किंग के लिए चलता है उगाही का खेल

हौज काजी चौक पर दिनभर व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश व पार्किंग के लिए उगाही का खेल चलता है। यहां कुछ लोग आवाज मारकर वाहन चालकों से उगाही करते हैं। सोमवार को भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला। जैसे ही कोई व्यावसायिक वाहन इस चौक से होते हुए किसी बाजार की ओर रुख करने के लिए बढ़ता है तो यहां मौजूद कुछ लोग वाहन चालकों को आवाज मार रोकवाकर उगाही करते हैं। आसपास किसी को पता न चले, इसके लिए ये लोग वाहन के अंदर ही चालक से पैसे ले लेते हैं। प्रतिदिन आने वाले चालक भी यहां से पूरी तरह से वाकिफ हैं। यही कारण है कि चालक पहले से ही अपने हाथ में रुपये रखते हैं और मौका पाकर पैसे देकर निकल जाते हैं।

अब सोचने वाली बात यह है कि इतने व्यस्त बाजार में इन वाहन चालकों को पार्किंग के लिए कैसे जगह मिल जाती है और क्यों कोई अब यहां कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। ध्यान देने वाली बात यह है कि चौक पर ही पुलिस चौकी बनी हुई है, लेकिन चौकी के आसपास भी सड़क पर पार्किंग का खेल चल रहा है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं

जिस तरह से इलाका घनी आबादी वाला है और पूरी तरह से व्यस्त रहता है। ऐसे में यहां लोगों की सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता नहीं हैं। यहां चौक पर ही निगरानी के लिए पुलिस मचान भी बना हुआ है, जो अक्सर खाली ही रहता है। आसपास के लोगों ने बताया कि कोई त्योहार आने पर ही मचान में पुलिसकर्मी तैनात रहता है अथवा प्रतिदिन यहां आने वाले ग्राहकों के साथ ही दुकानदारों की भी सुरक्षा रामभरोसे है। किसी भी बाजार के प्रवेश द्वार पर पुलिसकर्मी भी तैनात नहीं दिखते।

बैट्री रिक्शा वालों का रहता है अतिक्रमण

इलाके में बैट्री रिक्शा वालों का जबरदस्त अतिक्रमण है। इस समय चांदनी चौक में पुनर्विकास का कार्य चलने के कारण वहां चलने वाले बैट्री रिक्शे भी यहीं चलने लगे हैं। इससे इस इलाके में इन दिनों बैट्री रिक्शों वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। इनमें से कुछ बैट्री रिक्शे बिना किसी नंबर प्लेट के भी दौड़ते मिल जाएंगे। ये यातायात नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं, वहीं कुछ बैट्री रिक्शों में बैठी सवारियां भी तय संख्या से अधिक मिल जाएंगी।

तारों के मकड़जाल से रहता है हादसे का डर

इलाके में तारों का मकड़जाल है। खंभों पर लटकते मोटे-मोटे तार सड़क को छूते नजर आते हैं। इस कारण दुकानदार भी डर के साये में रहते हैं। ऐसे में यदि यहां कोई हादसा हो जाए तो तारों का मकड़जाल लोगों के लिए बड़े हादसे की वजह बन सकता है।

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इलाके में यातायात की भारी समस्या है। यही कारण है कि ग्राहक भी जाम की समस्या के कारण यहां आने से कतराते हैं। इसका सीधा असर दुकानदारों पर पड़ता है। यहां पर पार्किंग की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में ग्राहकों के साथ दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

-राजेंद्र कुमार गुप्ता, अध्यक्ष, दिल्ली स्टील टूल्स एंड हार्डवेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन।

इलाके में जिस तरह से जाम की समस्या रहती है। ऐसे में यहां स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि यहां पर कोई गर्भवती महिला को आपात स्थिति में अस्पताल ले जाना पड़ जाए तो शायद ही वह समय पर अस्पताल पहुंच पाए।

-रिजवाना हबीब।

यहां के मार्गो को पूरी तरह से वन वे किया जाना चाहिए, जिससे यहां जाम की समस्या का कुछ हद तक निदान हो सके। अतिक्रमण को लेकर भी प्रशासन को सख्त होना होगा।

-हबीब रहमान।

कभी-कभार चावड़ी बाजार इलाके में जाया जाता है, लेकिन वहां जाते ही जाम में फंसकर समय की बर्बादी अधिक हो जाती है। ऐसे में वहां जाने से बचता हूं।

-नासिर खान।


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