किसानों को मिलेगी फिक्स चार्ज से मुक्ति
बिजली कंपनियों द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन पर बढ़ाए गए सरचार्ज से किसानों को जल्द मुक्ति मिल सकती है। दिल्ली सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर विधि विभाग से भी मंजूर पास करवा लिया है। यह प्रस्ताव अब ऊर्जा विभाग के पास है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों को फिक्स चार्ज से राहत देने के लिए पूरी तैयारी हो गई है। कोशिश है कि एक सप्ताह में इसे पास कर किसानों को राहत दी जाए।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
बिजली कंपनियों द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन पर बढ़ाए गए सरचार्ज से किसानों को जल्द मुक्ति मिल सकती है। दिल्ली सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर विधि विभाग से भी मंजूर पास करवा लिया है। यह प्रस्ताव अब ऊर्जा विभाग के पास है। इस संबंध में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों को फिक्स चार्ज से राहत देने के लिए पूरी तैयारी हो गई है। कोशिश है कि एक सप्ताह में इसे पास कर किसानों को राहत दी जाए।
दिल्ली में करीब 1250 ट्यूबवेल कनेक्शन हैं। इन पर 15 से 20 हजार परिवार निर्भर है। किसान पिछले एक साल से बढ़ाए गए सरचार्ज को लेकर विरोध कर रहे थे। किसानों का कहना था कि सरचार्ज बढ़ने के बाद हर साल पांच से सात हजार रुपये अतिरिक्त बिजली कंपनी को देने पड़ रहे हैं। पहले प्रत्येक कनेक्शन पर 20 रुपये प्रति किलोवाट का सरचार्ज देना पड़ता था जिसे बढ़ाकर 100-125 रुपये प्रति किलोवाट कर दिया गया है। ऐसे में किसानों को प्रति कनेक्शन 500 से 625 रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं। जो साल में 6 से 8 हजार रुपये का पड़ता है।
मंत्री की नहीं सुनते अधिकारी
दिल्ली में काम कर रहे अधिकारी मंत्रियों की बात नहीं सुनते। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सदन को बताया कि वह दिल्ली से जुड़े काम के लिए अधिकारियों को आदेश देते रहते हैं, लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया जाता है। अधिकारियों के कारण काफी काम नहीं हो पा रहे। वहीं विधायकों ने कहा कि अधिकारियों के कारण वह विधायक फंड का पैसा खर्च नहीं करवा पा रहे हैं। निगम के अधिकारी भी उनकी बात नहीं सुनते।
बारिश से किसान परेशान
सोमवार को हुई बारिश एक बार फिर से दिल्ली देहात के किसान के लिए आफत बनकर आई। नजफगढ़, मटियाला, नरेला, बवाना सहित बाहरी दिल्ली के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हो गई। किसानों ने बताया कि पिछले दिनों हुई बर्फबारी के कारण अधिकतर फसल खराब हो गई थी। जो कुछ फसल बची थी उसमें सरसों सहित अन्य की फसल थी, यह पक चुकी है, लेकिन बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ।