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हड्डियों में पोषक तत्वों की कमी से बढ़ सकती है परेशानी, न करें लापरवाही, संभव है इलाज

शुरुआत में तो हड्डियों और मांसपेशियों में हल्का दर्द होता है, लेकिन फिर धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता जाता है। खासतौर पर पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में लोगों को अधिक दर्द महसूस होता है।

By Edited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 08:01 PM (IST)
हड्डियों में पोषक तत्वों की कमी से बढ़ सकती है परेशानी, न करें लापरवाही, संभव है इलाज
हड्डियों में पोषक तत्वों की कमी से बढ़ सकती है परेशानी, न करें लापरवाही, संभव है इलाज

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का कमजोर होना। यह बीमारी बुजुर्गों में पाई जाती है। शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. पलाश गुप्ता ने बताया कि हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स से भी बनी होती हैं। अनियमित जीवनशैली और बढ़ती उम्र के साथ ये मिनरल नष्ट होने लगते हैं। इसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। कई बार हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि छोटी सी चोट भी फ्रैक्चर यानी हड्डी टूटने का कारण बन जाती है।

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हड्डियां खोखली हो जाती हैं 
आंकड़ों की माने तो आज 60 साल की उम्र के बाद करीब 50 फीसद लोग ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से ग्रस्त हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक पाई जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है 50 की उम्र में महिलाओं में मोनोपॉज हो जाने के बाद उनके हार्मोन में काफी बदलाव आ जाते हैं व शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा घटने लगती है। व्यायाम न करना, बढ़ती उम्र, धूमपान, मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा शराब का सेवन इसके अन्य प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा दवाओं तथा स्टेरॉयड के अधिक सेवन के चलते हड्डियां खोखली हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसस का रूप धर लेती हैं।

संभव है इलाज
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण का जिक्र करते हुए डॉ. पलाश बताते हैं कि जल्दी थक जाना व शरीर में अलग-अलग जोड़ों में दर्द होना है। शुरुआत में तो हड्डियों और मांसपेशियों में हल्का दर्द होता है, लेकिन फिर धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता जाता है। खासतौर पर पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में लोगों को अधिक दर्द महसूस होता है। शुरुआती दौर में ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण का पता कर पाना थोड़ा कठिन है। ऐसे में 50 की उम्र के बाद नियमित अंतराल पर चिकित्सकों से संपर्क करते रहना चाहिए। यदि समय रहते इस दिशा में सतर्कता बरती जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस से बचा जा सकता है। मेडिकल साइंस में इसका इलाज संभव है।

रहें सतर्क 
बढ़ती उम्र के साथ लोगों को खानपान में पौष्टिक आहार को शामिल करना चाहिए। इनमें कैल्शियम और विटामिन-डी भरपूर मात्रा में हो। दूध से बने उत्पाद कैल्शियम के अच्छे श्रोत होते हैं। इनका सेवन करना चाहिए। वजन को नियंत्रित रखना चाहिए। मधुमेह व उच्च रक्तचाप के मरीजों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है।


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