अपलोड करनी होगी नालों की सफाई की जानकारी
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : मानसून के दौरान जलभराव से निपटने के लिए उपायों में इस बार हीलाहवाली नहीं चल
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : मानसून के दौरान जलभराव से निपटने के लिए उपायों में इस बार हीलाहवाली नहीं चलेगी। नालों की सफाई से संबंधित सभी एजेंसियों को अपनी जानकारी विस्तार के साथ अनिवार्य रूप से वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। एजेंसियों को नालों की सफाई व मानसून से पहले होने वाली नालों आदि की मरम्मत आदि से संबंधित फोटो भी वेबसाइट पर डालनी होंगी। जिससे आम जनता भी जान सकेगी कि जो एजेंसियां नालों की सफाई से संबंधित जानकारी दे रही हैं वह सच है या नहीं।
इस वर्ष लोक निर्माण विभाग ने नालों की सफाई प्रक्रिया को लेकर जमीनी स्तर पर चल रहे काम का मुआयना कर इसका लेखा जोखा रखने की योजना बनाई है। जिससे नालों की सफाई के मामले में उच्च न्यायालय को सही रिपोर्ट पेश की जा सके। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर उपराज्यपाल ने नालों की सफाई के काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए 25 दिन पहले एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, तीनों निगम, डीडीए, डीएसआईडीसी, एनडीएमसी व छावनी बोर्ड शामिल हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग के सचिव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
बता दें कि बरसात शुरू होने से पूर्व राजधानी में नालों की सफाई का काम शुरू हो गया है। लेकिन यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है। जहा जहा नालों की सफाई का काम जारी है वहा की फोटो अधिकारियों को अपने विभाग की साइट पर डालनी होगी। साफ किए मलबा व कचरे का वजन बताना होगा जिसे नालों से निकालकर अन्यत्र डाला गया है। इस काम में लगी आधा दर्जन एजेंसी को दिल्ली उच्च न्यायालय को भी अधिकारिक तौर पर बताना होगा कि उनके क्षेत्र में काम पूरा हो चुका है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिए थे कि मानसून के दौरान राजधानी में कहीं जलभराव न हो। उन्होंने कहा था कि जलभराव होने पर लोक निर्माण विभाग के सचिव जिम्मेदार होंगे। इसके बाद विभाग में काफी हलचल शुरू हुई है। जलभराव न हो इसके लिए अधिकारी जी जान से जुटे हुए हैं। सचिव लोक निर्माण ने भी औचक निरीक्षण शुरू करने की योजना बनाई है।