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रद लाइसेंस बहाल करने के सवाल पर मिला गोलमोल जवाब

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : यमुनापार में राशन की दुकानों पर खाद्य सामग्री के वितरण में अनियमितत

By Edited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 11:22 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 11:22 PM (IST)

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : यमुनापार में राशन की दुकानों पर खाद्य सामग्री के वितरण में अनियमितताओं के मामले कई इलाकों से लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ इसी तरह का मामला ब्रह्मापुरी इलाके में देखने को मिला है, जहां एक समाजसेवी संगठन के सदस्यों ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त दुकानदारों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। आरोप है कि कुछ समय पूर्व अनियमितताओं के चलते बंद की गई दुकानों के लाइसेंस रद होने के बाद फिर से बहाल करने की तैयारी चल रही है। जब इस बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो इसका गोलमोल जवाब मिला। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत भेजकर पुलिस व विभागीय अधिकारियों की मदद से इन दुकानों को दोबारा खोलने की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

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सहायक आयुक्त ने किया था लाइसेंस रद

ब्रह्मापुरी की जन सहयोग विकास समिति के महासचिव शंकर लाल गौतम ने शिकायत में बताया है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से उत्तर पूर्वी जिले के सहायक आयुक्त हरी प्रसाद ने अनियमितताओं की शिकायत पर पिछले वर्ष सीमापुरी सर्कल-65 के अंतर्गत आने वाली इस दुकान नंबर-6707, जो सुशील कुमार के नाम से पंजीकृत है, उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद कर दिया था। मगर अब उस दुकान का लाइसेंस फिर से बहाल करने की बात सामने आ रही है। जब इस बारे में सूचना के अधिकार के तहत जवाब मांगा गया, तो जवाब मिला कि यह विशेष आयुक्त का निर्णय है, जिसके बारे में वह कुछ नहीं कर सकते।

अधिकारियों को सौंपे गए कई प्रमाण

शिकायत में बताया गया कि ब्रह्मापुरी स्थित राशन की दुकान, जिसका नंबर-6707 है। उसके एजेंट का निवास वहां से कुछ ही दूरी पर है, जहां उसने अपनी चक्की भी लगाई हुई है। आरोप है कि यह दुकानदार लोगों को गेहूं के बदले आटा देता था और जो लोग गेहूं व चावल की मांग करते थे। उनसे सरकारी दर से अधिक कीमत वसूल रहा था। इसके बारे में संबंधित विभाग व पुलिस अधिकारियों को कई ई-मेल, लिखित शिकायत एवं खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी एसपी ¨सह को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी भेजी गई।

पुलिसकर्मियों से भी समर्थन मिलने का आरोप

आरोप है कि इस कार्य में दुकानदार का भाई जो पुलिसकर्मी है वह भी उसका साथ दे रहा है। इस कारण पुलिस की मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारियों ने भी जांच के दौरान हजारों किलो सरकारी गेहूं व चावल का गबन होने के सारे सबूत होते हुए रिपोर्ट में नाम मात्र की कमी दिखाई।


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