तीन महीने में विज्ञापनों पर खर्च किए 22 करोड़
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले तीन म
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले तीन महीने में सरकारी विज्ञापनों पर 22 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। दिल्ली सरकार ने यह जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सरकारी विज्ञापनों पर खर्च का ब्योरा मांगने पर दी। सरकार ने दावा किया है कि यह पैसा जनता के हित में ही खर्च किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ के समक्ष दाखिल हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा कि 13 मई 2015 के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद, जिसमें कहा गया था कि 'करदाताओं का पैसा किसी राजनेता के छवि निर्माण में खर्च नहीं होना चाहिए' से अब तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और बाहरी विज्ञापनों पर 22,33,24,659 रुपये खर्च किए गए हैं। दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल रमन दुग्गल ने हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा कि जनता तक सरकार की नीतियों को पहुंचाने के लिए 523 करोड़ का बजट रखा गया है, जो दिल्ली सरकार के कुल बजट का महज 1.518 फीसद ही है। उधर, याची कांग्रेस नेता अजय माकन के वकील अमन पंवार ने कहा कि आप सरकार ने 17 मई से 27 जुलाई के बीच 22 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए हैं।
ज्ञात हो कि माकन ने दिल्ली हाई कोर्ट में विज्ञापन खर्च को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है। इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि ये विज्ञापन करदाताओं के रुपये की बर्बादी है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मामले में साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन हुआ है।