जंतर-मंतर पर उत्तराखंड कांग्रेस का सत्याग्रह
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्र सरकार पर उत्तराखंड की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड का
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
केंद्र सरकार पर उत्तराखंड की
अनदेखी का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर सत्याग्रह किया। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस ने केंद्र से गंगा शुद्धि के लिए 10 हजार करोड़ और गत वर्ष राज्य में आई आपदा से प्रभावित पीड़ितों के पुर्नवास के लिए 4 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की मांग की। इस मौके पर वक्ताओं ने केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया।
इस दौरान हुई सभा में उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि लोगों को रोजगार देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा कागजी साबित हो रहा है। रोजगार की तलाश में उत्तराखंड के युवा दिल्ली समेत अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में मृत पड़े सरकारी उपक्रमों को पुनर्जीवित कर स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग की। उपाध्याय ने कहा कि पानी, बिजली के लिए दिल्ली समेत कई राज्य उत्तराखंड पर आश्रित हैं। इसके बावजूद भी राज्य की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने अन्य पर्वतीय राज्यों की तरह केंद्रीय सेवाओं में उत्तराखंड के लोगों के लिए भी आरक्षण की मांग की। उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड भौगोलिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि एक माह पूर्व उत्तराखंड की दुर्दशा का जिक्र करते हुए उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अगर अब भी केंद्र सरकार नहीं चेती तो दिल्ली में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि उत्तराखंड के पिछड़ेपन को देखते हुए पूर्व में संप्रग सरकार द्वारा राज्य को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया गया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने केंद्र सरकार से औद्योगिक पैकेज के साथ ही पर्यटन व पर्यावरण पैकेज देने की भी मांग की। सत्याग्रह में इन मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। पूर्व सांसद केसी बाबा ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को लेकर भी तमाम दावे किए गए हैं, लेकिन उत्तराखंड के चार धामों समेत अन्य आस्था के केंद्रों में सफाई नहीं है। वहीं गंगा के शुद्धिकरण के नाम पर भी केंद्र द्वारा महज दावे ही किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में ओलंपियन निशानेबाज जसपाल राणा, वरिष्ठ नेता धीरेंद्र प्रताप के साथ ही राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी व विधायक शामिल रहे। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर से भी बड़ी तादाद में उत्तराखंड के लोग इस सत्याग्रह में शामिल हुए।