फाइनल में इनकी होगी टक्कर, कौन बनाएगा 'सुपर संडे' को खास
ये 'सुपर संडे' किसके होगा नाम, कौन सा खिलाड़ी बनेगा हीरो, किस गेंदबाज के सामने पस्त होंगे बल्लेबाज, क्या होगा जीत का अंतर, क्या एकतरफा होगा मुकाबला, क्या होगी कड़ी टक्कर...ऐसे कई सवाल फैंस के जहन में तब तक गूंजते रहेंगे जब तक भारत और श्रीलंका के बीच टी20 विश्व कप 2014 का फाइनल मुकाबला शुरू नहीं हो जाता। मुकाबले के
मीरपुर। ये 'सुपर संडे' किसके होगा नाम, कौन सा खिलाड़ी बनेगा हीरो, किस गेंदबाज के सामने पस्त होंगे बल्लेबाज, क्या होगा जीत का अंतर, क्या एकतरफा होगा मुकाबला, क्या होगी कड़ी टक्कर...ऐसे कई सवाल फैंस के जहन में तब तक गूंजते रहेंगे जब तक भारत और श्रीलंका के बीच टी20 विश्व कप 2014 का फाइनल मुकाबला शुरू नहीं हो जाता। मुकाबले के शुरू होने के साथ धीरे-धीरे इन सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे, लेकिन एक नजर डालते हैं दोनों टीमों के उन खिलाड़ियों व डिपार्टमेंट की जंग पर जो इस मैच का मुख्य आकर्षण और जीत की वजह बन सकते हैं।
-ओपनर बनाम ओपनर:
भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत में रोहित शर्मा और शिखर धवन को ओपनर के तौर पर उतारा लेकिन शिखर कुछ कमाल नहीं कर पाए और अब रोहित-रहाणे इस काम को निभा रहे हैं। इन दोनों ने सेमीफाइनल मुकाबले में 173 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में शानदार भूमिका निभाई और उम्मीद है कि फाइनल में भी यही दोनों ओपनिंग करेंगे। रोहित ने अब तक टूर्नामेंट में 24, नाबाद 62, 56, 05 और 24 रनों की अहम पारियां खेली हैं। श्रीलंका की ओर से कुशल परेरा और तिलकरत्ने दिलशान ओपनिंग कर रहे हैं। परेरा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले में 12 गेंदों में ही 26 रन बनाए थे जबकि दिलशान ने रनआउट होने से पहले 39 रनों की पारी खेली थी। यह दोनों टीम को सधी शुरुआत देने में माहिर हैं। पांचों टी20 विश्व कप को देखें तो दिलशान ने 30 मैच में 746 रन बनाए हैं और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं।
कोहली बनाम संगकारा-जयवर्धने:
भारतीय टीम की सबसे बड़ी जान विराट कोहली हैं। यह खिलाड़ी अकेले दम पर टीम को जीत दिलाने में माहिर है। खास तौर पर लक्ष्य का पीछा करते समय। विराट ने इस टूर्नामेंट में अभी तक सर्वाधिक रिकॉर्ड 242 रन अपने नाम कर लिए हैं। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले विराट टी-20 मुकाबलों में जब भी 40 या उससे ऊपर का स्कोर बनाते हैं तो भारतीय टीम की जीत का प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसे में भारतीय टीम ने 80 फीसद से ज्यादा मैच जीते हैं। उन्होंने इस टूर्नामेंट में नाबाद 36, 54, नाबाद 57, 23 और नाबाद 72 रनों की पारियां खेली हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी नाबाद पारी इस बात की गवाह है कि खिताबी जंग में विपक्षी टीम के लिए वह सबसे बड़ी चुनौती होंगे। यही नहीं इस बल्लेबाज ने वनडे में भी भारत को 300 से ज्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा मैच जिताए हैं।
वहीं श्रीलंका में विराट से टक्कर लेने के लिए दिग्गज कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने की जोड़ी है। यह दोनों ही टी-20 इंटरनेशनल करियर का आखिरी मैच खेलेंगे। अपने विदाई मैच में यह दोनों ही टीम को जीत दिलाना चाहेंगे। जयवर्धने ओवऑल टी-20 विश्व कप में सबसे ज्यादा 992 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। संगकारा 609 रन बनाकर इस सूची में पांचवें नंबर पर हैं।
मध्यक्रम बनाम मध्यक्रम:
भारतीय टीम के मध्यक्रम में युवराज सिंह, सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धौनी हैं। लगातार मौके मिलने के बाद युवी फॉर्म में लौट आए हैं। टी-20 विश्व कप के शुरुआती तीन मैचों में नहीं चलने के बावजूद धौनी ने युवी पर विश्वास बनाए रखा इस बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी लीग मैच में चार छक्कों के साथ ताबड़तोड़ 60 रनों की पारी खेली। इस बल्लेबाज ने भारतीय टीम को 2007 का टी-20 विश्व कप और 2011 का वनडे विश्व कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय टीम के कप्तान धौनी ने अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच में कभी अर्धशतक नहीं लगाया है लेकिन उनसे अच्छा मैच फिनिशर इस समय पूरी दुनिया में नहीं है। इसके अलावा रैना टीम को जिताने का माद्दा रखते हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में 10 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के साथ 24 रनों की तेजतर्रार पारी खेलकर भारत को पांच गेंद पहले ही मैच जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। श्रीलंका के मध्यक्रम में जयवर्धने और संगकारा के अलावा लाहिरू थिरिमाने और एंजेलो मैथ्यूज हैं। थिरिमाने ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 44 और मैथ्यूज ने 40 रन की पारी खेली थी। मैथ्यूज ने उस मैच के आखिरी ओवरों में 23 गेंदों में तीन चौके और दो छक्के लगाए थे।
भारतीय स्पिनर बनाम श्रीलंकाई धाकड़:
गेंदबाजों की बात करें तो मीरपुर के हालात भारत और श्रीलंका के लिए बराबर हैं। इस पिच पर स्पिनरों का बोलबाला रहा है और ऐसे में दो-दो बार मैन ऑफ द मैच बन चुके रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा के साथ रवींद्र जडेजा की तिकड़ी भारत के लिए अहम है। अश्विन का टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 11 रन खर्च करके चार विकेट लेना है। उन्होंने सेमीफाइनल में भी तीन विकेट चटकाए थे। उनकी कैरम बॉल को तो धाकड़ बल्लेबाज हाशिम अमला भी नहीं समझ पाए। लेग स्पिनर अमित मिश्रा सेमीफाइनल में भले ही न चला हों लेकिन फाइनल में वह फिर कमाल दिखाएंगे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में अभी तक नौ विकेट चटकाए हैं। वहीं ऑलराउंडर जडेजा ने पांच मैचों में कुल पांच विकेट लिए हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में दो ओवरों में सिर्फ आठ रन खर्चे थे। इसके अलावा टीम के पास तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार हैं। फाइनल मुकाबले के लिए मुहम्मद शमी की भी वापसी हो सकती है।
श्रीलंका की ओर धाकड़ तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा हैं। टी-20 विश्व कप में सर्वाधिक विकेट (38 विकेट) लेने का रिकॉर्ड इसी गेंदबाज के नाम है। डेथ ओवरों में मलिंगा को खेलना बहुत मुश्किल काम है। टीम के पास सेनानायके और रंगना हेराथ के रूप में स्पिनर हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग मैच में हेराथ ने 3.3 ओवर में सिर्फ तीन रन खर्च कर पांच विकेट ही झटके थे। इसके अलावा टीम में सचित्रा सेनानायके और प्रसन्ना जैसे स्पिनर और नुवान कुलसेकरा जैसे तेज गेंदबाज भी हैं।